होली को लेकर बाजार में दिखी भीड़..दो साल बाद दिखेगी अंचल में होली की धूम..लेकिन होली को लेकर क्या है मान्यता
बालोद-आधुनिकता के चकाचौंध में नगाड़े की शोर गुम हो गई है। अब यदा कदा ही नगाड़े की शोर सुनने को मिलती है। पहले बसंत पंचमी से ही नगाड़ा बजना शुरू हो जाता था, जबकि बड़ी संख्या में लोग फाग गीत गाने जुटते थे। अभी महज होलिका दहन और इसके दूसरे दिन ही नगाड़ा बजता है।…