*कही पशुओं को खिलाया औषधि,तो कही घरों में नीम डालियां लगाकर परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा हरेली का त्यौहार…इसके अलावा इस त्योहार का और क्या मान्यता…पढ़े इस खबर में*
बालोद- गुरहा (गुड़) चीला के साथ गुलगुला भजिया और ठेठरी-खुरमी का स्वाद हरेली के तिहार को दोगुना कर दिया। रविवार को हरेली (हरियाली अमावस्या) तिहार पर छत्तीसगढ़ के किसानों के घरों में कृषि औजारों की पूजा हुई और बैलों को औषधि खिलाई गई। गांव-देहात के साथ शहर के कई घरों में भी हरेली तिहार मनाया…