बालोद-बालोद जिले के अवैध प्लाटिंग का कारोबार तेजी से फैला है तो वही इस कारोबार में कई भूमाफिया लाखो करोड़ो रूपये का वारा न्यारा भी कर चुके है लेकिन इससे न शासन को लाभ न ही जमीन लेने वाले आम लोगो को हाँ इस अवैध प्लाटिंग से राजस्व विभाग के कुछ जिम्मेदारों ने भी चांदी काटी है जिसके चलते जिले में भूमाफियाओं पर आज तक कोई कानूनी कार्यवाहीआ भी नही हुई सिर्फ कागजों में कुछ समय तक के लिए बिक्री नकल पर रोक या नोटिस थमाकर फाइन (चालानी कार्यवाही) की गई जबकि बालोद जिले में किसी भी जमीन दलालों के पास न तो कॉलोनाइजर लाइसेंस है न ही रेरा का पंजीयन फिर भी जिले में धड़ल्ले चल रहा अवैध प्लाटिंग का कारोबार इससे साफ समझ आता है प्रशासन माफियाओं को लेकर कितना सख्त है…?
जिस तेजी से अवैध प्लॉटिंग का कारोबार बढ़ा उसी तेजी अवैध रूप से रियल स्टेट कारोबारी भी बढ़े इस बीच जिले में एक ऐसा नाम सामने आया जिनके पास जमीन खरीदी बिक्री को लेकर कोई आधिकारिक पंजीयन नही फिर भी आज धड़ल्ले से जमीन खरीदी बिक्री के कारोबार को अंजाम दे रहा है बालोद जिले के रफ्तार एक रियल इस्टेट फर्म के नाम पर जमीन खरीदी बिक्री के कई प्रचार प्रसार सामग्री बड़े बड़े आयोजनों से लेकर हाई वे से लगे प्लाट के किनारे इनकी बोर्ड आसानी से देखी जा सकती है लेकिन जब बालोद जिले के सम्बंधित विभाग में आरटीआई से जानकारी मांगी गई तो इनके नाम पर किसी भी तरह का इस कारोबार से जुड़े कोई पंजीयन नही है इनके अलावा और भी कई लोग है जो चोरी छिपे इस कारोबार में जुड़े है लेकिन पंजीयन किसी का नही है
जगतरा में बड़े रकबे पर चल रहा अवैध प्लाटिंग
जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों के खेत खलिहानों में अवैध प्लाटिंग का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है।तो वही जगतरा नेशनल हाइवे 930 से लगे भाठा जमीन खसरा नंबर 439,445/1 में शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर शासकीय जमीन को आम रास्ता बनाकर आवासीय प्लाट के रूप में बेचें जाने की तैयारी की जानकारी के बाद जब पूरे मामले की तफ्तीश की गई तो उक्त जमीन विवान रियल स्टेट व अन्य कुछ लोगो के नाम पर होने की जानकारी मिली जिस पर उस हल्के के वर्तमान व पूर्व पटवारी से भी चर्चा करने पर बताए कि उक्त खसरा में अवैध प्लॉटिंग की जानकारी मिलने के बाद नकल पर रोक लगाई गई है ..लेकिन जिले में कई ऐसे प्लाट है जिसकी खबर लगने के बाद नकल पर रोक तो लगा दी जाती है लेकिन कुछ माह बाद पूरा प्लाट टुकड़ो में बिक चुका होता है। लेकिन भूमाफियाओं द्वारा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट तो बेच रहे हैं। इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में परेशानी में फंस सकते हैं।
…. रियल इस्टेट द्वारा शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रो के 9 स्थानों में कर रहे अवैध प्लांटिंग
बता दे शासन प्रशासन के नाक के नीचे जिला मुख्यालय के हृदय स्थल बुडापारा मार्ग में एक फर्म के नाम पर कार्यलय संचालित कर बेधड़क होकर अवैध रूप से टुकड़ो में प्लाट बेची जा रही है।लेकिन अब तक शासन प्रशासन द्वारा उक्त फर्म के संचालको के ऊपर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है। वही सूत्रों की माने तो उक्त रियल इस्टेट का बालोद शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रो के लगभग 9 स्थानों पर अवैध प्लांटिंग का बड़ा खेल चल रहा है। .. रियल इस्टेट के फार्म के नाम से बुडातलाब रोड में कार्यलय संचालित किया जा रहा है जहाँ से लोगो को झांसे में देकर अवैध प्लांटिंग का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है।उक्त कार्यलय के सामने बोर्ड लगाया गया है जिसमे सभी आदिवासी व सामान्य कामर्सियल रेशिडेशियल इन्वेस्टमेंट प्लांट एव कृषि भूमि पर नए मकान एव प्लांट उपलब्ध होने की बाते लिखी गई है। नेशनल हाइवे व स्टेट हाइवे से लगा प्लांट।वही फर्म द्वारा बालोद,झलमला, पाकुरभाट, देवारभाठ,जगतरा, उमरादाह,सिवनी,पाररास व बधमरा बाईपास में अवैध प्लांटिंग किया जा रहा है।
वि.. रियल स्टेट द्वारा खेती भूमि को डायवर्शन व प्रमाणीकरण का झांसा देकर लोगो को बेच रहे जमीन
…. रियल इस्टेट द्वारा शहर व आसपास के गांव से लगे खेतों की बिक्री आवासीय प्लाट के रूप में किया जा रहा है। इन खेतों को प्लाटिंग करने के पहले कच्ची सड़क तैयार करते हैं इसके बाद वहां अपने तरीके से प्लाटिंग करते है। वही खेती भूमि को डायवर्शन व प्रमाणीकरण का झांसा देकर लोगो को अपने जाल में फंसाकर प्लांट बेच रहे है। कृषि योग्य भूमि को प्लाट के रूप में विकसित कर खरीदी बिक्री के लिए नियमानुसार डायवर्सन करना पड़ता है। एक से अधिक प्लाट काटने के बाद नियमानुसार कॉलोनाइजर एक्ट के तहत सभी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद उसकी खरीदी बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कॉलोनी डेवलप हो रहे हैं बल्कि खेत खलिहान का आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियमानुसार किसी भी बिल्डर को जमीन की प्लाटिंग करने से पहले रेरा में रजिस्टेशन कराना अनिवार्य है। इसके अलावा प्लाट बेचने से पहले बिल्डर वहां जन सुविधाओं से जुड़ी चीजें पानी नाली, पक्की सड़क, बिजली व पानी का इंतजाम, सीवर, खेल मैदान आदि की सुविधा उपलब्ध करायेगा मगर जिला मुख्यालय सहित अन्य नगरीय निकायों में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों पर चल रहा है। यहां रोजाना कई एकड़ खेतों की अवैध प्लाटिंग कर खरीददारों को बेचा जा रहा है। यहां प्लाट खरीदने वाले को अंधेरे में रखकर प्लाटिंग की जा रही है। इसके चलते आने वाले समय में यह प्लाट लेने वाले खरीददार भविष्य में फंस सकते हैं।
कम का डायवर्सन और अधिक की हो रही खरीदी बिक्री
जिले में अवैध प्लाटिंग का खेल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई कॉलोनाइजर्स ऐसे भी हैं जिन्होंने दो-चार डिसमिल जमीन का डायवर्सन कराकर 1 से 2 एकड़ जमीन पर कॉलोनी का निर्माण करा रहे हैं। वहीं रेरा के नियमानुसार भूमि के डायवर्सन होने जाने के बाद ही उस भूमि का लेआउट पास किया जाता है लेकिन रेरा के नियमों को भी दरकिनार कर बिना डासवर्सन वाली भूमि का ले-आउट पास कर दिया जा रहा है।
पहले दिखाते हैं ऐसे सब्जबाग
प्लाट बेचने से पहले …. रियल इस्टेट सड़क, नालियां, बिजली के खंबे और पानी आदि सुविधाएं देने का लालच देते हैं लेकिन प्लॉट बेचने के बाद विवान द्वारा बुनियादी व्यवस्था नहीं कराई जाती।इनके द्वारा रहवासियों को सुविधा नही दी जा रही है। वर्तमान में शहर में संचालित कई कॉलोनियों में रहवासियों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
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