बालोद-नगर सहित आसपास के गांवों में बेखौफ अवैध प्लाटिंग का कारोबार होने की खबर प्रमुखता से प्रदेश रुचि के वेबपोर्टल में प्रकाशित किया गया था।जिसके बाद एसडीएम गंगाधर वाहिले ने बालोद ब्लाक में चल रहे अवैधप्लांटिंग पर नकल देने पर रोक लगाया गया था।लेकिन एसडीएम की आदेश को दरकिनार कर धज्जियाँ उड़ाते हुए आज की तारीख में आरआई और पटवारी अपनेअपने चहेतों भूमाफियाओं को नकल जारी कर रहे है।उक्त नकल की कापी प्रदेश रुचि को हाथ लगी है।
अवैध प्लांटिंग की बिक्री नकल पर रोक फिर भी रजिस्ट्री
शहर के आसपास किसी भी जगह पर अवैध प्लाटिंग चोरी छिपे नहीं हो रही है बल्कि खुलेआम हो रही है। अवैध प्लाटिंग वाले भूमि के रकबे व जमीन दलालो की जानकारी संबंधित हल्के के पटवारियों को है फिर भी रजिस्ट्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका है। बिक्री नकल रोके जाने के बावजूद धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग वाले कई जमीन की रजिस्ट्री हो रही है।
एसडीएम के आदेश की पटवारी धज्जियां उड़ाते हुए अपने चहेतों भूमाफियाओं को आज की तारीख में जारी कर रहे नकल
प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां खेत खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है। बता दे कि प्रदेश रुचि वेबपोर्टल में बालोद शहर सहित ग्रामीण अंचलों में हो रहे अवैध प्लांटिंग पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया था जिसके बाद एसडीएम आनन फ़ानन में बालोद ब्लाक में अवैध प्लांटिंग पर नकल देने पर रोक लगाने के लिए पटवारियों को निर्देशित किया गया था लेकिन एसडीएम की आदेश को दरकिनार कर धज्जियां उड़ाते हुए आज की तारीख में पटवारी अपने अपने चहेतों भूमाफियाओं को नकल जारी कर रहे है।
खेत खलिहान की आवास के रूप में की जा रही अवैध प्लांटिंग
नगर पालिका बालोद सहित आसपास के गांवों में क्षेत्रों में बड़े स्तर पर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। यहां बिल्डर रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेच रहे हैं। इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में परेशानी में फंस सकते हैं। नगर पालिका बालोद क्षेत्र में कॉलोनाइजर एक्ट के तहत कोई भी बिल्डर पंजीकृत नहीं है। विभागीय जानकारी के अनुसार पंचायत में पंजीयन के बाद ही रेरा से बिल्डरों को पंजीयन की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। शहर व आसपास के गांव से लगे खेतों की बिक्री आवासीय प्लाट के रूप में बेधड़क हो रही है। इन खेतों को प्लाटिंग करने वाले लोग पहले कच्ची सड़क तैयार करते हैं, इसके बाद वहां अपने तरीके से प्लाटिंग करते है। कृषि योग्य भूमि को प्लाट के रूप में विकसित कर खरीदी बिक्री के लिए नियमानुसार डायवर्सन करना पड़ता है। एक से अधिक प्लाट काटने के बाद नियमानुसार कॉलोनाइजर एक्ट के तहत सभी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद उसकी खरीदी बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कॉलोनी डेवलप हो रही हैं बल्कि खेत खलिहान की आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है। विकासखंड मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों पर चल रहा है। यहां रोजाना कई एकड़ खेतों की अवैध प्लाटिंग कर खरीददारों को बेचा जा रहा है।