बालोद- कर्मचारी अधिकारी अपनी मांग को लेकर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बेनर तले बुधवार को जिला मुख्यालय के नया बस स्टैंड स्थित टैक्सी स्टैंड में एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर शासन के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुये धरना प्रदर्शन कर दोपहर में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपा।
कर्मचारी अधिकारी अपनी मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से केंद्र के समान मंहगाई भत्ता व ग्रह भाड़ा भत्ता देने शासन से लगा रहे गुहार
प्रांतीय सयोजक कमल वर्मा व सयोजक मधुकांत यदु ने बताया कि केन्द्र के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरुप गृहभाड़ा भत्ता को लेकर प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी गत दो वर्षों से शासन प्रशासन से गुहार लगा रहे है। पिछले वर्ष कलम रख मशाल उठा आंदोलन के माध्यम से अलग अलग चरणों में आंदोलन किया जा चुका है । लेकिन महंगाई भत्ते के नाम पर कर्मचारियों को सिर्फ झुनझुना ही थमाया जाता रहा है। जिससे कर्मचारी जगत में शासन के प्रति घोर आक्रोश व्याप्त है । उन्होंने बताया कि 29 जून आंदोलन के बाद मांगे पूर्ण नहीं होने पर प्रांतीय आव्हान पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की रुपरेखा तैयार होगी और शासन का काम ठप कर दिया जायेगा। फेडरेशन के पदाधिकारियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसा लगता है महंगाई सिर्फ कर्मचारी अधिकारियों के लिये नहीं बढ़ा है बाकी सब महंगाई का भार झेल रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता 2 वर्ष से लंबित था
सयोजक मधुकांत यदु ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 से लंबित 4% महंगाई भत्ता, जुलाई 2020 से लंबित 3%, जनवरी 2021 से लंबित 4%, जुलाई 2021 से 3% महंगाई भत्ता एवं जनवरी 2022 से 3% महंगाई भत्ता को मिलाकर कुल लंबित 17% महंगाई भत्ता की मांग कर्मचारी कर रहे थे। सीएम भूपेश बघेल ने 2 मई को 5% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है। संघ का कहना है कि कर्मचारियों के लिए महंगाई से राहत पाने का एक ही साधन होता है महंगाई भत्ता। वर्तमान में महंगाई चरम पर है, लेकिन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के सामान नहीं है। ऐसे में महंगाई की मार छत्तीसगढ़ के सरकारी सेवकों पर भारी पड़ रही है। धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से आरके शर्मा,अश्वनी नायक,चेतन यादव,वाई के दिल्लीवार,संतोष देशमुख,सोमन साहू,अशोक साहू,राजेश धोड़ेसवार, बीएल डड़सेना,मोतीलाल चन्द्राकर,भुवन सिन्हा सहित बड़ी सख्या में कर्मचारी अधिकारी शामिल रहे।