कलेक्टर चन्द्रवाल ने मौके पर उपस्थित कृषकों एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से तरबूज के खेती कार्य में लगने वाली कुल लागत, उत्पादन, बिक्री की व्यवस्था एवं इस कार्य से होने वाले आमदनी के संबंध में जानकारी ली। मौके पर उपस्थित किसानों ने बताया कि इस स्थान पर लगभग 50 एकड़ भूमि में 06 किसानों द्वारा तरबूज की खेती की जा रही है। उन्होेंने बताया कि तांदुला जलाशय के इस डुबान क्षेत्र में खेती करने के लिए पंचायत से प्रस्ताव कराना आवश्यक है। इसके उपरांत किसानों के इस जमीन को जल संसाधन विभाग से लीज में लेना पड़ता है। किसानों ने बताया कि तांदुला जलाशय के इस डुबान क्षेत्र में दिसंबर से फरवरी माह तक किसानों को खेती करने की अनुमति दी जाती है। चन्द्रवाल ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को तरबूज के खेती कार्य में लगे किसानों को उद्यानिकी विभाग के योजनाओं से लाभान्वित कर उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने वहाँ आगामी समय में सामूहिक रूप से फूलों की खेती करने हेतु कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।
इस दौरान चन्द्रवाल ने डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गिधाली में प्रगतिशील कृषक कालिन्द्री चुरेन्द्र के खेत में पहुँचकर शाक-सब्जी के उत्पादन कार्य का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि कृषक श्रीमती कालिन्द्री चुरेन्द्र के द्वारा उद्यानिकी विभाग के सहयोग से कुल 05 एकड़ भूमि में पत्ता गोभी के अलावा अलग-अलग किस्मों के आम की पौधे भी लगाए गए थे। मौके पर उपस्थित उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य पोषित नवीन आम रोपण के अंतर्गत यहाँ पर दशहरी, लंगड़ी आदि आम के विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत कृषक कालिन्द्री चुरेन्द्र को निःशुल्क आम के पौधे प्रदान करने के अलावा दो वर्ष तक आम के पौधों के देखभाल हेतु खाद-बीज प्रदान की गई है।