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रेत माफिया को किसका संरक्षण.. कांकेर जिले में ट्रैक्टर से रेत डंप..रात के अंधेरे में चलता है खेल

कांकेर,छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के चारामा में महानदी के दर्जनों घाटों में बेरोकटोक अवैध उत्खनन जारी है, चारामा क्षेत्र में महानदी की रेत की लूट मची है रात होते ही चारामा सहित आसपास गांव में रात में हाइवा को जेसीबी के माध्यम से अवैध रूप से रखे रेत के डंप से लोड किया जाता है, तो वही दिन में ट्रैक्टर से रेत निकाल कर अवैध डंप का खेल होता है। मानसून को देखते हुए एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदियों में किसी भी तरह की खुदाई नहीं करने का आदेश जारी किया है यह आदेश 15 जून से पूरे छत्तीसगढ़ में लागू हो गया है लेकिन एनजीटी के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए महानदी से रेत की खुदाई बिना रोकटोक के जारी है माफिया सुबह 3 से 4 बजे ट्रैक्टर लेकर महानदी पहुंच जाते है और सुबह होने तक कई ट्रैक्टर रेत डंप कर देते जिसे रात में हाइवा में लोड करके बेचा जाता है। हाल ही में कुछ दिन पूर्व ही चारामा सहित आसपास के ग्रामीण अवैध रेत के चलते मचादूर नाका में विरोध प्रदर्शन सहित मुख्यमंत्री के नाम चारामा में SDM को भी ज्ञापन सौंपा था।

 

रात के अंधेरे में चलता है रेत का खेल

रात होते ही माफिया अपने काम में सक्रिय हो जाते हैं रात 11:00 बजते ही हाइवा को जेसीबी से लोड किया जाता है लोड हाइवा बासनवाही, लिलेझर, चावड़ी से होते हुए पुरी भानुप्रतापपुर, दल्ली राजहरा, बालोद, राजनंदगांव तक जाती है रात 11 से सुबह 05 बजे तक लगभग 50 से 60 हाइवा लोड किया जाता है।

अफसरों का रवैया ढीला 

एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश है कि नदियों में किसी भी तरह की खुदाई नहीं होगी यह आदेश 15 जून से पूरे छत्तीसगढ़ में लागू हो गया है। एनजीटी के आदेशों के बावजूद प्रशासन व विभाग के अधिकारी आदेशों का पालन करवाने में ढीला रवैया अपना रहे हैं, स्थानीय अधिकारियों की नर्मी की वजह से खनन माफिया खुलेआम रेत की खुदाई कर रहा है। क्योंकि उन्हें कोई रोकने -टोकने वाला नहीं है।

 

कृषि कार्य वाले ट्रैक्टर से होता है रेत का परिवहन

कृषि कार्य के नाम पर परिवहन विभाग में ट्रैक्टर ट्रॉली पंजीकृत कर उनका उपयोग व्यावसायिक रूप से अवैध रेत के परिवहन में उपयोग करते नजर आ रहे हैं। जबकि नियमानुसार परिवहन विभाग में ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली को कमर्शियल पंजीकृत करने पर ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली की कीमत का 10 प्रतिशत टैक्स शासन को जमा करना अनिवार्य होता है, लेकिन अधिकतर ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली के मालिक द्वारा टैक्स बचाने के चक्कर में वाहन को कृषि कार्य हेतु पंजीकृत कराए हुए है। जिसके कारण परिवहन विभाग को भी लाखों रुपए की क्षति हो रही हैं। कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली का रेत चोरी करने में किया जा रहा है।

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