बालोद-कुर्बानी और बलिदान का प्रतीक पर्व ईदुल अजहा सोमवार को जिला मुख्यालय में हर्षोल्लास से मनाया गया। शहर के नया बस स्टेण्ड स्थित ईदगाह में बकरीद की विशेष नमाज अदा की और देश व् प्रदेश में अमन चैन व् सुख सम्रद्धि की दुआ मांगी गई।इसके बाद लोगो ने एक दूसरे से गले लगकर बकरीद की मुबारक़ दी गई।ईदल अजहा को क़ुरबानी के दिन के तौर पर मनाया जाता हैं। नमाज के बाद इमाम साहब ने दुनिया में अमन चैन और भाईचारे की दुआ मांगी। अस्सलाम से अल्लाह ने परीक्षा लेने कुर्बानी का हुक्म किया था। इस पर हजरत इब्राहिम अलैही अस्सलाम ने अपने बेटे इस्माइल अलैही अस्सलाम को खुदा की राह में कुर्बान करने उस परीक्षा में से गुजरे और कामयाब हुए। बेटे की जगह खुदा ने उनके हाथ में दुम्मा यानी अरावी बकरा दे दिया और हजरत इस्माइल अलैही अस्सलाम को अलग कर दिया। इसी कुर्बानी की याद में ईदुल अजहा यानी बकरीद का त्योहार मनाया जाता है। सोमवार को दर्जनों बकरों की कुर्बानी दी गई। ईदुल अजहा पर ईदगाह सहित शहर के जामा मस्जिद में भी विशेष नमाज अदा की गई।ईदुल अजहा के इस मौके पर इंतजामियां कमेटी के सदर शाहिद खान ने मुसलमानों को ईद की बधाई दी, व कमेटी के विकास कार्य की जानकारी देते हुए पुलिस प्रशासन, नगरपालिका का आभार व्यक्त किया। इस दौरान सैकड़ो लोगो ने एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी।
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