बालोद – बालोद जिले से महाराष्ट्र को जोड़ने वाली एनएच 930 सड़क निर्माण पिछले एक वर्ष से जारी है और यह निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद से ही कामों में अनियमितता और गुणवत्ता की शिकायत लगातार सामने आई है मामले में प्रदेशरुचि द्वारा खबर प्रकाशन के बाद विभाग द्वारा कई बार कार्यों में सुधार लाने का प्रयास भी किया लेकिन काम में गुणवत्ता को लेकर विभाग के ठेकेदार आज पर्यंत गंभीर नजर नही आया और नियमो रहा कार्य के मैन्युअल को ताक में रखकर आज भी कार्य किया जा रहा है।
आपको बतादे बालोद जिला मुख्यालय के आमापारा के पास से गुजरने वाली खरखरा केनाल पर विभाग के ठेकेदार द्वारा पुल निर्माण कार्य को लेकर करीब 2 माह पूर्व पुराने पुल को तोड़ा गया जिसपर नए पुल निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है लेकिन इस कार्य के प्रारंभ में ही ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा पुल निर्माण के बेस कार्य में ही खुलेआम लापरवाही बरती जा रही है । एनएच 930 में दिन भर भारी भरकम वाहनों की आवाजाही के मद्देनजर पुराने पुल को तोड़कर विभाग द्वारा नए तकनीक से हैवी पुल निर्माण किया जाना है जिसमे सेतु निर्माण के मानकों के अनुसार इस पुल का निर्माण को प्रारंभ किया जाना था लेकिन विभाग के ठेकेदार द्वारा इतने महत्वपूर्ण पूल निर्माण के बेस को महज खानापूर्ति करते हुए किया जाना विभाग और ठेकेदार की लापरवाही को उजागर करता है।
आपको बतादे खरखरा केनाल पर वर्तमान में हल्की पानी का बहाव है जिसे ठेकेदार द्वारा पानी के बहाव को एक ओर से परिवर्तित किया गया है लेकिन पानी का बहाव के साथ साथ बगल में रिसाव भी तेजी से हो रहा है और जिस जगह पर प्रारंभिक कार्य के लिए बेस किया जाना है वहां पर घुटने तक पानी मतलब लगभग 2 से 3 फिट तक पानी का भराव करीब 3 हजार वर्ग फिट तक है और इस तालाब की तरह पानी से भरे जगह पर ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा बेस के लिए 20 एमएम की गिट्टी से सीमेंट कांक्रीट युक्त मसाले को डाला जा रहा था लेकिन पानी के भराव में सीमेंट बहकर निकल जा रहा था तथा नीचे सिर्फ 20 एमएम की गिट्टी बच रही थी जिसे ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा फावड़ा से खींचकर लेवल करते नजर आए।
कैमरा देखकर काम को करवाया बंद
ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा जिस गुणवत्ता से काम किया जा रहा था वह प्रदेशरूची के कैमरे के खुलते ही साफ नजर आया और जैसे ही प्रदेशरुचि का कैमरा खुला ठेकेदार के एक कर्मचारी ने तत्काल आवाज दिया और काम को कुछ देर के लिए बंद करवा दिया और पत्रकार की गाड़ी का नंबर नोटकर किसी से मोबाइल पर बात करने में व्यस्त हो गए ।
मामले में गड़बड़ी तो साफ दिख रही थी लेकिन इसकी पुष्टि के लिए वीडियो को पुल निर्माण करने वाले कुछ जानकारों से भी शेयर किए जिसके बाद जानकारों ने भी इसे घोर लापरवाही माना और मामले में विभागीय अधिकारियों की घोर लापरवाही का आरोप लगाए ।
अधिकारी ने कहा ..ऐसा है तो गलत है
खरखरा केनाल पर चल रहे इस निर्माण कार्य में लापरवाही को लेकर सबसे पहले मौके से विभाग के उप अभियंता वसीम को जानकारी दी गई जिसके बाद उप अभियंता ने बताया कि पानी का रिसाव ज्यादा है और बेस के लिए प्लेट बांधने के लिए वहां पर इस मटेरियल को डाला जा रहा है जिसके बाद करीब 5 मिनट तक ठेकेदार द्वारा किए जा रहे इस कार्य के संदर्भ में विस्तृत चर्चा के बाद इंजीनियर ने भी कहा कि ठेकेदार को डीवाटर करके बेस करने कहा गया है । लेकिन तब तक ठेकेदार द्वारा करीब आधे से ज्यादा जगहों पर इसी तरह लापरवाही पूर्वक बिना पानी को निकाले सीमेंट कंक्रीट मसाला डाला गया जिसे अब बिना निकाले ही इसी के ऊपर लोहे की जाली बांधकर बेस की तैयारी पूरी कर ली गई है इस मामले में विभाग भी इसे निकालकर फिर से गुणवत्तायुक्त कार्य कराने की दिशा में सजग नजर नही आ रहे है और ऐसी लापरवाही के चलते सड़क कार्य अपने प्रगति के दौरान आज कई जगहों से उखड़ने लगा है जिसे विभाग सिर्फ रिपेयर कर ठेकेदार के कार्य को पूर्ण दिखाने की कयावद में जुटे हुए है।
अधिकारी अब मामले पर बात करने से कतराने लगे
आपको बतादे एनएच का काम जबसे प्रारंभ हुआ है तब से कई बार कार्य में लापरवाही को लेकर विभाग के ईई और सब इंजीनियर तथा एसडीओ से लगातार मोबाइल के माध्यम से संपर्क कर जानकारी देने का प्रयास किया जाता रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अपने ठेकेदार के लापरवाही को लगातार नजरंदाज भी करते नजर आए जिसके चलते एनएचएआई जैसे विभाग में लगातार कार्य में लापरवाही के मामले आने के बाद भी इस पर लगाम लगाया नही जा सका है।
कलेक्टर द्वारा लगातार निगरानी के बाद भी निर्माण में लापरवाही
आपको बतादे एनएच 930 सड़क निर्माण प्रारंभ होने के बाद बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा द्वारा बालोद जिले के कमान संभालने के बाद से लगातार इस निर्माण कार्य को लेकर खुद ही मॉनिटरिंग करते नजर आए और लगातार बैठक कर कार्य को गुणवत्तायुक्त के साथ साथ समय पर पूरा करने के निर्देश देते रहे बावजूद इसके विभाग के अधिकारी और ठेकेदार उच्चाधिकारियों के आदेश को भी नजरंदाज कर जहां मौका मिला कार्य में लापरवाही करने से नहीं चूके बहरहाल देखना होगा एनएच सड़क निर्माण में चल रहे इस गुणवताहीन और कार्य में लापरवाही के मामले कब तक थम पाती है और लोगो को गुणवत्तायुक्त सुगम सड़क का लाभ कब तक मिल पाता है।
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