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शिव महापुराण के अंतिम दिन शहर में उमड़ा जनसैलाब…तो इधर जाते जाते गुरुजी ने दिया गुरुमंत्र

बालोद-बालोद शहर में ऐसा नजारा पहले कभी दिखाई नहीं दिया था।यहां आयोजित श्री मणि लिंग महापुराण कथा के समापन पर भक्तों का ऐसा सैलाब उमड़ा कि लोगों को कथा स्थल पर ही निकलने में घंटों लगे। पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा समापन के बाद भक्तों को कथा स्थल से निकलने में भीड़ के चलते भारी मशक्कत करनी पड़ी। अंतिम दिन कथा सुबह 8 बजे से होने के कारण भक्त सुबह 4 बजे से ही पांडाल में पहुंच गए। जिन्हें पंडाल नहीं मिला वे धूप में ही बैठकर कथा सुनी। कथा के बाद भक्त 4 किमी पैदल चलकर नया बस स्टैंड पहुचे और अपने घरों की ओर रवाना हुए। इससे जुगेरा से लेकर बालोद रास्तों पर जाम लग गया। कथा स्थल में लगे डोम पंडाल के बहार लाखो श्रद्धालुओं ने धूप में बैठकर कथा का रसपान किया।कोई भक्त पेड़ो का छाव और छतरी के नीचे बैठकर आनंद पूर्वक कथा का श्रवण कर भक्त अपने आप को धन्य मान रहे है।


कथा के समापन बाद प्रदेशभर से आए भक्त और पंडित भी बालोद से हुए रवाना

बताया जा रहा है कि कथा में 5 से 6 लाख के करीब भक्त पहुंचे। कथा के समापन बाद देशभर से आए भक्त और पंडित भी यहां से रवाना हो गए। बालोद के इतिहास में यह पहला मौका रहा जब कथा में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचे।


सद्कर्म ही व्यक्ति के जीवन को संवारता है

कथा के अंतिम दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि अश्वत्थामा शिवजी के 19 अवतारों में से एक होकर भी नहीं पूजे जाते, क्योंकि उसने सोये हुए बच्चों और गर्भवती के गर्भ पर ब्रम्हास्त्र का दुरूपयोग किया। शिवजी के 18 अवतार आज भी पूजे जाते है, किंतु अश्वत्थामा के बुरे कर्मों के कारण शिव का 19वां अवतार होकर भी उसे नहीं पूजा जाता। अर्थात श्री शिव महापुराण कहती है कि सद्कर्म और भक्ति का बल ही व्यक्ति के जीवन को संवारता है।


नेता 5 साल तक कुर्सी पाने के लिए आपके धंर जाकर हाथ जोड़ेंगे

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि गुरु वो है जो दुख के धड़ी में साथ दे। दुख के धड़ी में जो गुरु भक्तों का साथ छोड़ दे वो असली गुरु हो नही सकता।एक लोटा जल लेकर मंदिर जाना। भजन कीर्तन करने से दुख की धड़ी समाप्त होता हैं।सबका हाथ जोड़कर देख लो आपका मदद करने के लिए कोई नही आएगा। एक बार महादेव का हाथ जोड़ कर देखो, मेरे भोलेनाथ आ जाएंगे। छग ,मध्यप्रदेश और राजस्थान में चनाव होने वाली है।चुनाव के दौरान शहर ,गांव,वार्ड और धंर तक नेता 5 साल तक कुर्सी पाने के लिए चुनाव में वोट मांगने के लिए हाथ जोड़ेंगे आपके पैर पड़ेंगे।एक बार ये नेता भगवान भोलेनाथ के चरण पकड़ ले तो जीवनभर कुर्शी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इत्र की शशि खुलने पर पूरे धंर में खुदबु देती हैं। उसी प्रकार शंकर की मन्दिर की सफाई, पोताई और जाला की सफाई कर दो भगवान भोले नाथ आपके जीवन मे भी चारचांद लगा देगा ।

पूर्व जन्म के पाप के कारण होता है दुख

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि एक बहन सगीता कौशिक एक पत्र लिखा गुरुजी 14 अगस्त 2023 को मेरे दोनों बच्चे पलंग पर सो रहे थे।जिसे कोबरा सांप ने काट किया जिससे बच्चे की मौत हो गई।अब भगवान को दोष देते हैं मेरा पिता कोरोना में चले गए।इसका सारे दोष भगवान को देतो हो। आज दुख आता हैं तो रोते हो। उन्होंने कहा कि पूर्व जन्म के कारण दुख तकलीफ और पाप कर्म के कारण दुख होता हैं।दुख आएगा सुख भी आएगा।

मेरे भोलेनाथ का कोई उम्र नही है वे है अजर अमर

प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हर किसी के उम्र को बता सकता हैं लेकिन बाबा का कोई उम्र कोई बता नही सकता हैं।वो अजर और अमर है शंकर सब जगह है।मेरे शिव भक्त का इंतजार करते हैं।उन्होंने महिलाओं को कहा कि आपको कोई कितना समझाए क्यो शकर के मंदिर जाते है।बेल पत्र क्यो चढ़ाते हो,पशुपतिनाथ व्रत क्यो करते हो,उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि इस कान से सुनना दूसरा कान से निकाल देना।तुम बोलने कोन होते हो ।

हम शिव के है, शिव हमारे है

प्रदीप मिश्रा ने कहा कि बाबा के धंर में कोई द्वार नही है। भक्तों के लिए मेरे बाबा का द्वार हमेशा खुला है। मेरे महादेव की भक्ति को किसी कहने से मत छोड़ना।हम शिव के है शिव हमारे है।मेरे भगवान सबका है,जो पूजेगा उसका शिव है।ब्रज की भूमि में मेरे भोलेनाथ कण कण में समाया है।एक एक कण कण में शिव है।कृष्ण के लिए शंकर आये हैं। शंकर के लिए कृष्ण आये हैं।

पसीने में तरबतर होकर भी कथा सुनते रहे श्रद्धाल

कथा के अंतिम दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं में अधिकांश महिलाएं हैं। जिसको जहां जगह मिली, वह कथा सुनने के लिए बैठ गया। उमस गर्मी के बावजूद लोग कथा सुनने के लिए बैठे रहें। हालांकि पांडाल में पंखों और कूलर की व्यवस्था आयोजकों की ओर से की गई है। पंडाल के बाहर कड़ी धूप में बैठकर पसीने से तरबतर होकर भी श्रद्धालु अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

बस स्टैंड व रेल्वेस्टेशन पर रही भारी भीड़

बालोद के नया बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भी शिव भक्त श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई। नया बस स्टैंड में दोपहर 12 बजे से लेकर देर शाम तक हजारो की सँख्या में महिलाए और पृरुष अपने अपने गंतव्य की ओर जाने वाली बसों का इंतजार कर रहे थे। छग के अलावा देश के कई राज्यों से भारी संख्या में शिवभक्त श्रद्धालु श्री मणि लिंग महापुराण कथा को सुनने आ रहे हैं। इस मौके पर प्रशासन ने रेलवे स्टेशन से लेकर कथा स्थल तक सुरक्षा के कोई व्यापक इंतजाम नही किया गया हैं। नया बस स्टैंड में हजारों की सँख्या में लोगो की भीड़ रही लेकिन पुलिस का एक भी सिपाही मौजूद नही था।

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