बालोद-पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले की श्री मणिलिंग शिवमहापुराण कथा का मंगलवार को समापन हो गया हैं। बालोद मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की बार्डर स्थित है, इस कारण यहां उनकी कथा सुनने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ रहा है, इसका सीधा उदाहरण इस बात से पता चल रहा है कि यहां हर दिन करीब 1 लाख से अधिक लोगों का भोजन बन रहा था। ऐसे में जहां एक तरफ धर्म की गंगा बह रही है, वहीं दूसरी तरफ हर दिन भंडारे में लोग प्रसादी का आनंद ले रहे हैं।
जुगेरा के बंजारी मंदिर प्रांगणआ और ब्राम्हण समाज के विशाल भंडारे में प्रतिदिन 1 लाख से अधिक लोग करते हैं भोजन
जहां आस्था होती है वहां स्वार्थ नहीं होता है और जहां सच्ची भक्ति निस्वार्थ भावना से की जाती है वहां ईश्वर की कृपा रहती है। ईश्वर के यही असीम कृपा पाने के लिए रोज बालोद के दर्जनों संगठनों द्वारा हजारों लोगों को प्रतिदिन भोजन नाश्ता करा रहे हैं। यह सेवा भावना शिव महापुराण कथा की भोजशाला में देखने को मिल रही है। ब्राम्हण समाज, मां शीतला समिति और बालोद वासियों द्वारा जुगेरा के मैदान तथा एक निजी राइस मिल में 25 से 29 अगस्त तक श्री मणि लिंग महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा था। कथा श्रवण के लिए प्रतिदिन लाखों भक्त पहुंच रहे हैं।जुगेरा बंजारी मंदिर के पास ही भोजन शाला बनाई गई है। जिसमे प्रतिदिन 80 किवंटल से अधिक चावल बनाई जा रही हैं।जिसके व्यवस्था के लिए सैकड़ो महिलाए व पृरुष सभाल रहे है।वही कथा सुनने के बाद शहर की ओर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पाररास जय स्तंभ चौक सहित अलग अलग जगहों पर प्रसादी की व्यवस्था भी की गई थी।
सैकड़ो महिला व पुरुषों की टीम 12 से 14 धंटे सेवा में जुटे रहे
शहर के लोग हर प्रकार से सहयेग कर रहे हैं। शीतला समिति द्वारा जुगेरा के बंजारी मन्दिर के प्रांगण में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिदिन 80 हजार अधिक लोग भोजन ग्रहण किए। यहां की सैकड़ो महिला पुरुषों की टीम 12 से 14 घंटे सेवा में जुटी है, बर्तन धो रहे हैं। भक्तों को भोजन परोसने की व्यवस्था में लगी है यह पूरा काम अनुशासन से किया जा रहा है। रोज दाल, चावल, सब्जी दे रहे थे। प्रतिदिन 70 से 80 हजार के करीब लोग भोजन करते हैं। हजारों की संख्या में आ रहे भक्तों के भोजन बनाने की व्यवस्था करना आसान नहीं था। गांव गांव से महिलाएं सेवा देने आ रही है।
शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने संभाली कमान
पंडित प्रदीप मिश्रा की श्री मणि लिंग महापुराण कथा का श्रवण करने के लिए प्रतिदिन लाखो की सँख्या में लोगों की प्रसादी की इस व्यवस्था को शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने संभाला है। शहर के ब्राम्हण समाज जुंगेरा में रहने और भोजन की व्यवस्था रखा गया जिसमें प्रतिदिन हजारों लोगों ने भोजन किया ।वही साई शीतला समिति,मुस्लिम समाज, स्थानीय लोगो सहित अन्य जिलो से लोग पहुंचकर श्रद्धालुओं को पानी बिस्किट नास्ता का व्यवस्था किया था।
4 किलो मीटर तक निशुल्क वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई
इस शिव महापुराण में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यो से श्रद्धालुओं की भीड़ पंडाल से करीब 2 से 5 किलो तक ही पहुंच पाती थी इनमें कई बुजुर्ग औऱ महिला सहित बीमार व्यक्ति भी इस शिवमहापुराण को सुनने आये थे ऐसे श्रद्धालुओं के लिए बालोद जिले के डौंडी लोहारा के भावना फाउंडेशन और स्थानीय समाजसेवियों द्वारा उन्हें कथास्थल के करीब तक पहुंचाने का जिम्मा इन समाजसेवी संस्थाओं ने उठाया था हालांकि की इस दौरान इन सहयोगियों को पुलिस प्रशासन के कुछ कर्मचारियों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा लेकिन उसके बावजूद इन संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने बखूबी योगदान दिए।