रॉयल्टी पर्ची के बिना किया जा रहा मुरुम का परिवहन
मुरुम की अवैध उत्खनन की कीमत, पर्यावरण को भी चुकाना पड़ रहा हैं। ग्राम पंचायत धुरवाटोला के आश्रित ग्राम करियाटोला के कृषक की जमीन पर मुरुम उत्खनन सड़क निर्माण एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है, मुरुम उत्खनन स्थल पर मुरुम उत्खनन में लगी चैन माउंटिंग मशीन से लोड हो रही हाइवा के चालक से पूछने पर रायल्टी पर्ची के बिना ही परिवहन करने की बात कही जिससे लगता है, कृषि भूमि के मालिक से मुरुम उत्खनन हेतु नक्शा, खसरा व सहमति पत्र तो ले लिया गया किंतु खनिज विभाग से अनुमति लेना मुनासिब नही समझे होंगे व बेखौफ मुरुम का उत्खनन कर परिवहन कर रहे है। मिली जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण एजेंसी के अधीनस्थ कर्मचारी, ग्रामीण अंचल के किसानों को जिनके खेतो में मुरुम या मिट्टी निकालना हो उनसे खेत बनाने का सब्जबाग दिखाकर उनसे नक्शा, खसरा, बी-1 के साथ सहमति पत्र लेकर सम्बंधित ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र बनवाकर लेते है व ग्राम के इक्का दुक्का जगह पर मुरुम उत्खनन का खनिज विभाग से परमिशन करा रहे है बाकी अवैध ही चल रहा है।
निजी जमीन व शासकीय भूमि पर 10-15 फीट गहरा खोद रहे ठेकेदार
वही खनिज शाखा बालोद से लीज करवा रहे है व लीज की गई जमीन से खनिज शाखा द्वारा दिये गए निर्धारित मात्रा से अधिक मुरुम मिट्टी निकाल रहे है। ग्राम पंचायत सूवरबोड के कृषक के निजी भूमि से खेत बनाने के नाम पर मुरुम, उत्खनन व परिवहन की अनुमति खनिज शाखा बालोद से ले ली, अनुमति मिलते ही चैन माउंटेन मशीन से बेखौफ उत्खनन किया वही लीज मीले जमीन के समीप शासकीय भूमि बड़े चट्टान है उस पर भी मुरुम का अवैध उत्खनन कर दिया गया व निजी जमीन व शासकीय भूमि पर लगभग 10 से 15 फीट की गहराई कर दिया गया, ग्राम सुवरबोड के ग्रामीणों को जानकारी मिलने पर मुरुम उत्खनन स्थल पर पहुंचकर ज्यादा गड्ढा नही करने की बात कही थी तब उत्खनन करा रहे निर्माण एजेंसी के कर्मचारी ने किए गए गड्ढे को पाटने की बात कही जा रही हैं।