बालोद- बालोद जिला मुख्यालय से महज 2 किमी स्थित गांव हीरापुर के युवक के साथ पुलिस विभाग के कांस्टेबलों द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया जिसके बाद बालोद कोतवाली में पदस्थ आरक्षक चूलेंद्र कुर्रे को इस मामले में संदेही मानते हुए बालोद रक्षित केंद्र में स्थानांतरण कर दिया इस कार्यवाही से नाराज कांस्टेबल ने खुद के खिलाफ हुए इस कार्यवाही पर स्थानीय विधायक के दरबार मे पहुँचकर न्याय की गुहार लगाई हैं। पूरे मामले में आरक्षक ने उचित जांच कर न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू दुर्ग रेंज आईजी के अलावा बालोद पुलिस अधीक्षक जितेंद कुमार यादव को पत्र प्रेषित किया है। आरक्षक चुलेन्द्र कुर्रे द्वारा सौपे गए पत्र में बताया की 26 अगस्त की रात्रि में लगभग एक बजे पेट्रोलिंग पार्टी के द्वारा कुछ व्यक्तियों को सरयू प्रसाद स्टेडियम गंजपारा बालोद से संदिग्ध घूमते हुए पाए जाने पर थाना बालोद लाया गया था जिसे पूछताछ कर थाना बालोद के द्वारा 151 की कार्यवाही किया गया था। जिसके पश्चात मुझे थाने के द्वारा फोन कर सूचना दिया गया की पांच लोगों का एस डी एम न्यायालय में 151 के तहत पेेेस करना है, जिसके लिए तीन आरक्षक चुलेन्द्र कुरे, गौतम नेताम और संतोष चन्द्राकर आप तीनों को जाना है, जिसके बाद 27 अगस्त दोपहर 3 बजे आरोपियों को पेश करने एस डी एम कार्यालय पहुचे तो वहां आरोपी के परिजन आये हुए थे और आरोपी परिजन को बताने लगे की हमारे साथ थाने में मारपीट किया गया है जिससे गुस्साए परिजनों के द्वारा मिडिया को फोन कर बुलाया गया.
और जैसे ही मुझे इस बात की जानकारी लगी तो फोन पर मेरे द्वारा तत्काल थाना प्रभारी बालोद को अवगत कराया गया जब मिडिया वाले आए तो मेरे द्वारा न्यायालयीन प्रक्रिया के दौरान आरोपी का फोटो वीडियो बनाने से मना किया गया। एस डी एम न्यायालय से आरोपियों को जेल वारंट मिलने के पश्चात मुलाएजा कराने जिला अस्पताल बालोद ले गए, जहां उसके पीछे परिजन और मिडिया वाले पहुंच गये। मना करने के बावजूद भी फोटो और वीडियो लेने लगे। जिसके बाद आरोपियों को डॉक्टरी मुलायजा करा कर जेल दाखिल कर दिया गया। थाना प्रभारी के द्वारा जो ड्यूटी लगाया गया था, हम तीनों आरक्षकों के द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक हमने अपनी ड्यूटी निभाई है। शाम को लगभग सााढ़े 6 बजे मददगार के द्वारा फोन पर बताया गया कि तुम्हें मौखिक आदेश पर रक्षित केन्द्र बालोद भेजा जा रहा है, आकर के अपना ड्यूटी सर्टिफिकेट ले जाओ। हम तीन आरक्षकों में से मुझे ही मौखिक आदेश पर रक्षित केन्द्र बालोद किया गया है। मेरी किसी भी प्रकार से कोई गलती नहीं होने पर भी मुझे रक्षित केन्द्र बालोद कर दिया गया, जिससे मैं मानसिक रूप से परेशान हूँ इसकी उचित जांच कर मुझे न्याय दिलाने की मांग की हैं।
आपको बतादे बालोद पुलिस द्वारा कार्यवाही के नाम पर युवक से पिटाई मामले में स्थानीय अखबारों में भी प्रमुखता से खबरो का प्रकाशन हुआ था फ़ोटो में दिखाई दे रहे तस्वीरों को देखने से साफ पता चलता है कि कार्यवाही के नाम पर पुलिस द्वारा युवक की बर्बरता से पिटाई की है वही अब मामले में एक कांस्टेबल को लाइन अटैच किये जाने के बाद फिर से एकबार मामला तूल पकड़ते दिख रहा है ।