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तीन सुत्रीय माँगो को लेकर जिले की 111 वनग्रामों के ग्रामीणों ने किया प्रर्दशन..शासन प्रशासन से 20 सालों से अपनी वैधानिक माँग करते आ रहे हैं…1 घंटे तक मुख्यमार्ग रहा बंद

 

धमतरी….एक बार फिर जिले के हजारों राजस्व परिवर्तित वनग्रामों के ग्रामीण वैधानिक माँगो को लेकर धमतरी नगरी मुख्य मार्ग में धरने पर बैठे…धमतरी जिले के राजस्व परिवर्तित 111 वनग्रामों के ग्रामीणों ने एक बार फिर केरेगांव तिराहा में धमतरी नगरी मुख्यमार्ग को 1घंटे जाम किया।धरना प्रर्दशन के दौरान तकरीबन 111 ग्रामों के हजारों ग्रामीण आँदोलन में सम्मिलित हुए।सामुदायिक वन संसाधन राजस्व परिवर्तित वनग्राम संघर्ष समिति जिला धमतरी के संयोजक मयाराम नागवंशी और जिलाअध्यक्ष बंशीलाल सोरी की अगुवाई में केरेगांव तिरहा में एक दिवसीय धरना,आँदोलन किया।आँदोलन का वजह बताये तकरीबन जिले के सभी वनग्राम कई बरस से शासन की उपेक्षा का शिकार होना बताए।उनकी प्रमुख माँग राजस्व परिवर्तित वनग्रामों को भूस्वामित्व का अधिकार मिले,कास्तजमीन का रिकार्ड भुईयां पोर्टल पर उपलोड हो,कास्तकार किसान का काबीज भूमि का आनलाइन नक्शा खसरा,बी 1,पंचसाला रिकार्ड सुविधा मिले,राजस्व ग्राम की तरह बटवारा नामा हो,राजस्व ग्रामों की तरह बराबर कृषि ऋण की लाभ मिले,शासन व्दारा वनग्रामों को 2005 में राजस्व विभाग को परिवर्तित करने के बाद भी आज तक तकरीबन 17 सालों के बाद भी पूर्णतः राजस्व का दर्जा और राजस्व गांवों की तरह सुविधाएं न देने की वजह से रोड़ पर बैठने पर मजबूर हुए।वहीं इन्हीं मांगो को लेकर विगत 2019 की जून माह में 111 वनग्राम के ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किए थे तब तत्कालीन कलेक्टर रजत बंशल ने ग्रामीणों की पीड़ा सुनकर प्रशासनिक कार्यवाही के लिए विभागीय अधिकारियों को आदेश दिए थे। वहीं जिला स्तरीय दुगली में तत्काल दुसरे दिन शिविर भी लगाए थे इसदरम्यान कास्तजमीन का सर्वे का कार्य प्रगति पर दिखाई दे रहा था मगर जैसे ही उनका ट्राँसफर बस्तर हुआ कार्य की प्रगति वहीं थम गया।जो आज तक वहीं वहीं पड़ा हुआ है।जिन गांवों को आजादी के पूर्व ब्रिटिश शासन ने बसाया था जब शासन की सारी सुविधाएं मिलती थी आज आजादी के 75 साल के बाद भी अपनी संवैधानिक अधिकार के लिए ग्रामीणों को रोड़ में बैठना पढ़ रहा शासन के भेदभाव नीति से जिले के सभी वनग्रामों के ग्रामीण शासन की निति का विरोध कर रहे हैं।वहीं आंदोलन के दौरान केरेगांव तिराहा में गट्टासिल्ली मार्ग,धमतरी मार्ग,नगरी मार्ग में वाहनों के पहिए थमे रहे।आँदोलन में हजारों पिड़ित ग्रामीणों ने भाग लिया।इस दौरान नगरी एसडीएम चंन्द्रकांत कौशिक ने आँदोलन कर रहे ग्रामीणों के बीच पहुँचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुने और दस दिवस के भीतर आप सबकी तीन सुत्रीय माँगो को गंभीरता से कार्यवाही में लाने का विश्वास दिलाये तब जाकर ग्रामीणों ने मार्ग को छोड़े।आँदोलन स्थल पर नगरी एसडीएम चंन्द्रकांत कौशिक,डीएसपी सारिका वैद्य ,आर के मिश्रा डीएसपी,थाना प्रभारी दुगली डी.के.कुर्रे ,थाना प्रभारी नगरी भुनेश्वर नाग ,थाना प्रभारी सिहावा लेखराम ठाकुर मौके पर डटे रहे… इस आँदोलन में सामुदायिक वनसंसाधन राजस्व परिवर्तित वनग्राम संघर्ष समिति के पदाधिकारी महेन्द्र नेताम,बुधराम साक्षी,गोवर्धन मंडावी,सुरेन्द्र राज ध्रुव, जागेश्वर नेताम,बिरबल पदमाकर,रवि नेताम,मकसुदन मरकाम, दिनेश्वरी नेताम,राजाराम मंडावी,चिन्ताराम वट्टी,रामकुंवर मंण्डावी, विमला ध्रुव,कलावती मरकाम,कोमलसिंह ध्रुव,घनश्याम नेताम,गणेश मरकाम,सीताराम नेताम के साथ सभी वनग्रामों के ग्राम पटेल के साथ वनाधिकार समिति के सदस्यों की मौजूदगी रही।

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