सर्पदंश के बाद युवक युवक व उनके परिजन 6 घन्टे तक लगाते रहे बैगा के चक्कर…हालत बिगड़ी तो लाया गया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र…यहां भी नही बनी बात.. तो छत्तीसगढ़ के इस बड़े अस्पताल में में किया गया रेफर
बालोद- कई बार खुद की नासमझी खुद के जान के दुश्मन बन जाती है अक्सर देखा जाता है ग्रामीण इलाकों सर्पदंश के बाद ज्यादातर लोगों के जान जाने की बात सामने आती है जिसका प्रमुख कारण यही है कि सर्पदंश के बाद लोग सीधे अस्पताल जाने के बजाय झाड़फूंक व बैगाओं के चक्कर काटते नजर…