बालोद-समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी सोमवार को समाप्त हो गई है। जानकारी के अनुसार जिले में 51 लाख 94 हजार 691.20 क्विंटल धान की खरीदी हुई तथा 01 लाख 30 हजार 675 किसानों ने अपना धान बेचा है आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 22 हजार किवंटल धान की खरीदी कम हुई है।इस वर्ष 01 लाख 38 हजार 734 किसानों ने धान बेचने के लिए समितियों में पंजीयन कराया था जिसमे से 01 लाख 30 हजार 675 किसानों ने धान बेचा हैं जबकि 08 हजार 059 किसानों ने अब तक धान नही बेच पाया हैं।
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 22 हजार 173 किवंटल कम हुई धान खरीदी
गत वर्ष की तुलना में 22 हजार 173 क्विंटल धान की खरीदी कम हुई है। साथ ही अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। विदित हो कि गत वर्ष 52 लाख 16 हजार 864 क्विंटल धान की खरीदी हो पाई थी तथा 01 लाख 27 हजार 276 किसानों ने धान बेचे थे। इस वर्ष 01 लाख 30 हजार 675 किसानों ने 51 लाख 94 हजार 691 किवंटल धान बेचा है। राज्य शासन द्वारा इस वर्ष धान की खरीदी पूरे एक महीने बाद शुरू की गई थी तथा इस वर्ष समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित थी, लेकिन खरीदी के अंतिम समय पर बेमौसम हुई बारिश से खरीदी प्रभावित हुई। बड़ी संख्या में किसान धान नहीं बेच पाए थे । ऐसे में किसानों ने धान खरीदी का समय बढ़ाने की मांग शासन से की थी। जिस पर शासन ने धान खरीदी के लिए सात दिन समय बढ़ाने का आदेश जारी किया। इस हिसाब से 7 फरवरी को धान खरीदी समाप्त हो गई। देर से खरीदी शुरू होने के चलते शुरुआती दिनों से ही समितियों में पर्याप्त की पर्याप्त धान की आवक हुई, जिसके चलते लगभग जिले के सभी किसानों ने अपने धान बेचे तथा समय अभाव के हालात किसानों के सामने नहीं आ पाया।
शुरुआती दिनों से ही बारदाने की समस्या से जूझते रहे समिति तथा किसान
इस वर्ष भले ही जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 08 लाख से अधिक किवंटल धान की खरीदी कम हुई है। किंतु शुरुआती दिनों से जिस तरह से बारदानों की समस्या बनी रही। इससे भी बड़ी बात यह रही की किसानों ने नुकसान सहकर भी बारदाना उपलब्ध कराया, तब कहीं जाकर रिकार्ड खरीदी हो पाई। हालांकि इन सबके बीच किसानों को 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान भी उठाना पड़ा।
परिवहन की समस्या अभी भी
जिले में 08 लाख 05 हजार 409 क्विंटल धान कम खरीदी की गई है, किंतु परिवहन की अगर बात की जाए तो समय पर परिवहन नहीं हो पाने के चलते लगभग 15 लाख 18 हजार 571 किवंटल धान अभी भी समितियों में जाम पड़े हुए हैं। जिले में अब तक 36 लाख 76 हजार 199 किवंटल धान का उठाव हो चुका हैं।जबकि अभी भी 15 लाख 18 हजार 571 किवंटल धान खुले आसमान पड़ा हैं।