बालोद-. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा युवाओ को अपने पुराने संस्कृति से जोड़ने और युवाओ के भीतर छिपे प्रतिभा को तरासने कई तरह की योजनाएं और आयोजनों का संचालन किया जाता है ऐसा ही एक आयोजन युवा महोत्सव जिसके माध्यम से युवाओ के प्रतिभा को निखारने और विलुप्त होते कला को सहेजने का कार्य किया जाता है लेकिन बालोद जिला मुख्यालय में आयोजित इस युवा महोत्सव में आयोजनकर्ता खेल एवं युवाकल्याण एवं शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है युवा महोत्सव का आयोजन सरकारी खर्चे से तो किया गया लेकिन इस सरकारी कार्यक्रम में फिर एक बार छोटे छोटे स्कूली बच्चों को बाल श्रम में धकेलने तस्वीरे सामने आई है जिससे जिले के शिक्षा तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग की इन बच्चो के प्रति इनके मूलभावना उजागर हुई है
दरअसल मंगलवार को खेल एवं युवाकल्याण एवं शिक्षा विभाग द्वारा युवा महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया जिसमे सूबे की महिला एवं बाल विकास मंत्री क्षेत्रीय विधायक सहित जिले के आलाधिकारी शामिल हुए उक्त कार्यक्रम शुरू होने से पहले मंच को सजाने संवारने की जिम्मेदारी सम्बंधित संस्थान व विभाग की थी तथा पूरे आयोजन के लिए शासन स्तर से अच्छी खासी फंड भी जारी होता है लेकिन जिम्मेदार विभाग अपनी जिम्मेदारी भूलते हुए मंचीय सजावट के लिए बाहर से मजदूरों को बुलाने के बजाय स्कूली बच्चों को ही बाल श्रम कराते हुए छोटे छोटे बच्चों के हाथों में वजनदार गमले थमा दिए और जिला शिक्षा कार्यालय से स्कूल मैदान में बने मंच तक इन बच्चो के माध्यम से वजनदार गमलों को ढुलाने का कार्य किया गया एक तरफ जब सूबे के मुख्यमंत्री बच्चो के प्रतिभा को निखारने ऐसे कार्यक्रमों के आयोजनों को बढ़ावा देते नजर आते है दूसरे तरफ बालोद जिले में खुद सरकार के अंग बच्चो को बालश्रम की ओर धकेलते दिखाई दे रहे है मामले पर बालोद जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले से चर्चा करने पर बताये की उन्हें इस विषय मे जानकारी नही है.. आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा कराया जा रहा है… मैं उनसे बात करता हूँ …कुछ इस तरह से जवाब देते नजर आए बहरहाल देखना होगा आज से हुए इस आयोजन के आगाज में ही स्कूली बच्चों से बालश्रम की इस तस्वीरों के बाद प्रशासन किस तरह का रुख अख्तियार करती है और मामले में आगे क्या कार्यवाही करती है