बालोद- दीक्षार्थी बहना लब्धि सकलेचा को गुरुवार को बिदाई दी गई।कामरौद स्थित निवास से वे घर से सुबह 9 बजे शुभ मुहूर्त में घर से विदा हुई,वहां से कामरौद में ही स्थित प्रसिद्ध हनुमानजी के मंदिर में दर्शन वंदन कर बालोद स्थित श्री संभवनाथ जैन मंदिर पहुंची जहां जैन श्री संघ ने आत्मीय बिदाई दी।
इस अवसर पर जैन श्री संघ के अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप जैन ने जैन शासन की शोभा बनने तथा अपनी आत्मा के कल्याण के लिए जो राह चुनी उसे अनुकरणीय एवम अनुमोदनीय बताते हुए कहा कि लब्धि जिन उद्देश्य के साथ दीक्षा के मार्ग को चुनी है उसे प्राप्त करे तथा जैन शासन की शोभा बढ़ाये ।श्री संभवनाथ जैन मंदिर समिति के अध्यक्ष बाबूलाल ढ़ेलडिया ने दीक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भव भव भटकने वाला यह जीव संयम का मार्ग अपनाकर ही मोक्ष मार्ग का पथिक बन सकता है।उन्होंने दीक्षार्थी लब्धि सकलेचा को संघ की ओर से आशीष एवम शुभकामनाएं दी।मंदिर समिति के सचिव रूपचंद गोलछा ने पिता घनश्याम सकलेचा व माता जिन्होंने अपनी लाडली को वैराग्य की अनुमति दी को अभिनंदनीय बताया तथा कहा कि वे दीक्षा के बाद वीर माता-पिताकी श्रेणी में होंगे। चातुर्मास काल मे लब्धि की दीक्षा की घोषणा बालोद के लिए उपलब्धि भरा रहा । 8दिसंबर को लब्धि की दीक्षा रायपुर में होने जा रही है ,उन्हें छोड़ने बड़ी संख्या में लोग पडकीभाट ग्राम तक गए।लब्धि ने सभी का अभिवादन करते हुए दीक्षा के कार्यक्रमो में उपस्थित रहने की अपील की। इस अवसर पर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष मुकेश भंसाली ,ओम टाटिया विनोद गोलछा ,प्रमोद गोलछा ,प्रकाश भंसाली, राकेश भंसाली, विकास भंसाली, सौरभ बुगड़ी, पिंटू गोलछा,चीकू चौरड़िया, प्रदीप(गोलू) चौरड़िया, शंकरलाल श्रीश्रीमाल,पुखराज बोहरा एवम महिलाये बड़ी संख्या में इस बिदाई कार्यक्रम में उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन श्रीमाति त्रिशला चौरड़िया ने किया।