प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृत राशि ना मिलने पर आत्महत्या करने वाले आदिवासी मृतक के परिजनों को 1 करोड़ ₹ का मुआवजा दे प्रदेश सरकार
गुरुर विकासखंड के ग्राम कोचवाही में आदिवासी परिवार को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति के पश्चात पहली किश्त की राशि मिलने के बाद से लगभग 2 साल तक दूसरे किश्त की राशि नहीं मिलने से परेशान आदिवासी नवयुवक शीतकुमार नेताम की खुदकुशी को भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की लापरवाही बताते हुए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने मृतक के गरीब परिजनों को 1 करोड़ ₹ का मुआवजा देने की मांग की है।
विकास मरकाम ने खुदकुशी की घटना पर दुख प्रकट करते हुए बताया कि मृतक शीतकुमार नेताम की मां श्रीमती रूखमणी नेताम के नाम से वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना स्वीकृत हुआ था। कच्चे मकान को तोड़कर प्रधानमंत्री आवास बनाने का काम भी शुरू हो गया था और प्रशासन के द्वारा आवास योजना का प्रथम किश्त 25000₹ की राशि का भुगतान भी कर दिया गया था। इसके बाद इस गरीब परिवार ने स्थानीय व्यापारियों से अपना आवास बनाने के लिए छड़, गिट्टी, सीमेंट, रेत, ईंट आदि सामान उधारी लेकर मकान बनाने लगे परन्तु प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री आवास की अगली किश्त उन्हें नहीं मिल पाया। राशि नहीं मिलने से कर्ज के दबाव के कारण परिवार का 40 डिसमिल जमीन भी बिक गया परंतु कर्ज से उन्हें मुक्ति नहीं मिली और अंततः मजबूरी में शीतकुमार नेताम को ऐसा आत्मघाती कदम उठाना पड़ा।
पूरे प्रदेश में कमोबेश प्रधानमंत्री आवास योजना की यही स्थिति है।प्रदेश सरकार के रवैए के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही परेशान हैं। केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार की अकर्मण्यता व लापरवाही के कारण प्रदेश की जनता को इस योजना का लाभ ठीक से नहीं मिल पा रहा है।
विकास मरकाम ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भूपेश बघेल सरकार की नाकामी के कारण आदिवासी नवयुवक शीतकुमार नेताम की मौत हुई है। मृतक परिवार को न्याय दिलाने के लिए 27 अक्टू. को गुरुर के अंबेडकर चौक में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम में वे स्वयं शामिल होंगे तथा भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के तरफ से प्रदेश सरकार से मांग करेंगे कि उत्तरप्रदेश के रहवासियों की पीड़ा दूर करने का नाटक करने के लिए 50 लाख ₹ का मुआवजा देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के इस गरीब आदिवासी पीड़ित परिवार को 1 करोड़ ₹ का मुआवजा तत्काल प्रदान करे।