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*भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद सरोज ने प्रियंका के उप्र में महिलाओं को 40 फ़ीसदी टिकट देने के ऐलान को महज़ सियासी झुनझुना बताया, कहा- 75 साल बाद महिलाओं की सुध आई*

 

*राजनीतिक तौर पर वेंटीलेटर पर साँसें गिन रही कांग्रेस अब महिलाओं के शर्मनाक राजनीतिक इस्तेमाल पर उतरी : भाजपा*

*0 सत्ता के लिए किसी भी स्तर पर जाने के राजनीतिक चरित्र वाली कांग्रेस पहले छत्तीसगढ़ समेत अपने शासन वाले राज्यों में संगठन व सत्ता के स्तर पर इसे अमल में लाने की मिसाल तो पेश करे*

रायपुर-भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य (राज्यसभा) डॉ. सरोज पांडेय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा द्वारा उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40 फ़ीसदी टिकट देने के ऐलान को महज़ सियासी झुनझुना बताया है। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि कांग्रेस को अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए अब देश की आज़ादी के 75 साल बाद महिलाओं की सुध आई है। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कांग्रेस को अब जो फ़िक्र हो रही है, वह बताती है कि राजनीतिक तौर पर वेंटीलेटर पर साँसें गिन रही कांग्रेस अब महिलाओं के शर्मनाक राजनीतिक इस्तेमाल पर उतर आई है।

भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि उत्तरप्रदेश में टिकट बाँटने से पहले प्रियंका वाड्रा कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन शासित राज्यों में यह प्रयोग करके दिखाएँ और वहाँ आगामी चुनाव तक निगम, मंडलों और पार्टी में महिलाओं की इसी अनुपात में नियुक्ति करके उनकी कांग्रेस व सत्ता में भागीदारी बढ़ाना सुनिश्चित करें। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास साक्षी रहा है कि सत्ता की लालसा में वह हर वर्ग के साथ राजनीतिक फ़रेब के हथकंडे अपनाने में ज़रा भी शर्म महसूस नहीं करती। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी के नेत़ृत्व में राजग शासनकाल में महिलाओं को संसद-विधानसभा में 33 फ़ीसदी आरक्षण के प्रस्ताव में कांग्रेस ने अपने असली महिला-विरोधी चरित्र का प्रदर्शन किया था और इसी कारण राजनीति और सत्ता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने वाला यह क्रांतिकारी प्रस्ताव आज तक लंबित पड़ा है। आज ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूं’ जैसी जुमलेबाजी महिलाओं को भ्रमित करने की राजनीति देश को समझ आ रही है।

भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि कांग्रेस की कथनी-करनी में केवल छल-कपट, फ़रेब के अलावा कुछ नहीं है। महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की जो मिसाल पार्टी-संगठन में 33 फ़ीसदी पद महिलाओं को देकर भाजपा-परिवार ने स्थापित की है, कांग्रेस के लोग तमाम नौटंकियाँ करके उस दिशा में एक क़दम आज तक नहीं बढ़ा सके हैं। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि सत्ता के लिए किसी भी स्तर पर जाने के राजनीतिक चरित्र वाली कांग्रेस पहले अपने शासन वाले राज्यों में इसे अमल में लाने की मिसाल तो पेश करे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तुरंत इस दिशा में पहल करनी चाहिए ताकि छत्तीसगढ़ में महिलाओं की भागीदारी बढ़े और प्रदेश के निगम-मंडलों व कांग्रेस संगठन में नई नियुक्तियाँ करके सत्ता और राजनीति में महिलाओं की 40 फ़ीदी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। कांग्रेस की ‘ख़ानदान-वंदना’ में मशगूल मुख्यमंत्री बघेल को अपना नंबर बढ़ाने के लिए इससे अच्छा मौक़ा शायद ही मिले।

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