बालोद-जिले के छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ दल्लीराजहरा के ठेका श्रमिक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक द्वारा कॉन्फ्रेंस हॉल में एक बैठक आहूत की गयी, प्रबंधन द्वारा उत्पादन प्रोत्साहन योजना में ठेका श्रमिकों के सम्बंध में इस योजना में आ रही कठिनाई का हवाला देते हुए इसे उच्च स्तर पर सकारात्मक रूप से समाधान के रास्ते पर ले जाने की बात की तथा खदान के उत्पादन में ठेका मजदूरों की भूमिका का पुरजोर समर्थन किये उत्पादन प्रोत्साहन योजना में ठेका श्रमिकों के सम्बंध में अभी भी अनिश्चितता का वातावरण फैला हुआ है।बी.एस.पी. प्रबंधन द्वारा उत्पादन प्रोत्साहन योजना के तहत् पिछले बार नियमित कर्मचारियों को ए.टी.एम. कार्ड के माध्यम से नगद भुगतान की गयी थी, तथा उनसे अनुपस्थित कर्मचारियों की हिस्सेदारी से बचत रकम से एक-एक टिफिन डब्बा ठेका मजदूरों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत् दिया गया था। 16 अगस्त 2021 से नियमित कर्मचारियों को 2-2 ग्राम सोने का सिक्का का वितरण प्रारम्भ हो गया है।
विभिन्न यूनियनों द्वारा अपने प्रेस विज्ञप्ति व वाट्सऑप ग्रुप के माध्यम से खबर फैलायी थी कि इस बार भी ठेका श्रमिकों को 15 ग्राम चाँदी का सिक्का दे दिया जायेगा।पिछले बार जब नियमित कर्मचारियों को 32 रु. केन्टीन एलाउंस के साथ बी.एस.पी. माइंस केन्टीनों में 1 रुपये में नाश्ता व चाय मिलने वाले दर को 7 रुपये के दर से बढ़ा दिया गया और बताया गया था, कि ठेका श्रमिकों को भी मुफ्त में कूपन मिलेगा, जबकि ठेका श्रमिकों को अपने वेतन से 7 रुपये का भुगतान प्रति कूपन करना पड़ता है। जो कि बाद में ठेका श्रमिकों के वेतन से काट लिया जाता है।ठेका श्रमिक खदान के उत्पादन से लेकर प्लांट ऑपरेशन, मेन्टनेंस, क्लीनिंग तथा डिस्पेच तक में 60 में से 70 प्रतिशत तक के कार्यों में अपनी भूमिका निभा रहे है, खदान के उत्पादन में से लेकर प्लांट ऑपरेशन, मेन्टनेंस तथा डिस्पेच तक 60 से 70 प्रतिशत तक के कार्यों में अपनी भूमिका निभा रहे है।प्रबंधन द्वारा बुलायी गई बैठक में मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक (एम. एण्ड एस.), उप महाप्रबंधक (कार्मिक) शामिल हुए, जबकि यूनियन की ओर से छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ के अध्यक्ष गणेश राम चौधरी दुर्गाप्रसाद देशमुख, शैलेष कुमार बम्बोरे, सरत कुमार, सुधाकर राव, तथा रंजीत सिंह शामिल हुए।