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विभागीय लापरवाही के चलते हो रही पानी की बरबादी..तो वही गर्मी में राहत देने वाली पानी बन रहा मुसीबत

बालोद। ये जो तस्वीर दिखाई दे रही ये किसी बाढ़ की नही बल्कि गोंदली जलाशय से बालोद ब्लाक के विभिन्न ग्रामों के तालाबों को भरने के लिए छोडा गया पानी विभाग की अनदेखी से बर्बाद हो रहा है। मुख्य नहर में निस्तारी पानी छोड़ा गया है, जो सहायक नहरों से गांवों तक पहुंच रहा है। कई गांवों में तालाब भरे जा रहे हैं। वहीं कई गांवों में सहायक नहरों से निस्तारी पानी की चोरी खेतों में धान फसल की सिंचाई के लिए हो रहा है। इसे लेकर जल संसाधन विभाग गंभीर नहीं है।


जल संसाधन विभाग की लापरवाही के चलते खेतो में भरा पानी

ग्रामीणों की मांग पर लोगों की निस्तारी समस्या दूर करने जलाशय से पानी दिया जा रहा है। गर्मी के मौसम में भी अनमोल पानी का मोल पहचानने वाला कोई नही है। बधमरा मेढ़की,ओरमा के तालाब में जाने की बजाए पानी आसपास के खेत में व्यर्थ बह रहा है। खरीफ सीजन में सिंचाई के लिए जिस नहर को खोला गया था, उसे बंद नहीं किया गया है। उसी नहर से होकर पानी खेतों में फैल रहा है। इस लापरवाही को देखने की फुर्सत जल संसाधन विभाग और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के पास नहीं है।जानकारी के अनुसार गोंदली जलाशय से छोड़ा गया निस्तारी पानी तालाबों में जाने की बजाए खेतो और इधर-उधर व्यर्थ बह रहा है। बालोद ब्लाक के ग्राम बधमरा,मेढ़की ,ओरमा सहित अन्य ग्रामो के सहायक नहरों में अधिक पानी होने से उसमें का पानी और कुलापा बंद नही होने से खेत और मैदान में भर गया है, जिससे कई लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

निस्तारी के लिए गोंदली जलाशय से छोड़ा गया पानी

अप्रेल माह में पड़ रही तपती धूप से शहर व गांवों के निस्तारी तालाबों का पानी सूखने लगा है। तालाबों में जल स्तर कम होने से पानी गंदा हो गया है। कुछ गांवों में तो तालाब पूरी तरह सूख गए हैं, जिससे निस्तारी का संकट पैदा हो गया है। भीषण गर्मी में निस्तारी संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने गोंदली जलाशय से निस्तारी पानी छोड़ने की मांग जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग से की थी। ग्रामीणों की मांग पर सिंचाई विभाग ने गोंदली जलाशय से निस्तारी पानी छोड़ दिया। पानी अधिक मात्रा में छोड़े जाने से नहर का कुलापा बंद नही होने से जलाशय का पानी फिजूल में बह रहा है, जो कई लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।

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