बिलासपुर – बिलासपुर के स्नैक लेडी के नाम से अपनी अलग पहचान बना चुकी अजिता ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना दर्ज कर बिलासपुर समेत प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। एक तरफ लोग जहरीले नागों को देखकर उनसे घबराते है और कुछ उन्हें मार डालते है। पर अजिता ने सांपो की बचाने का संकल्प उठाया और पिछले 4 साल में एक से बढ़कर एक हजारों जहरीले सांपो को रेस्क्यू कर जंगल मे छोड़ते हुए उनका जान बचा रही है। जिसके चलते अब अजिता ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
जहरीले और खतरनाक जानवरों से हर कोई नफरत करता हैं। अपने बचाव और कभी-कभी शौक के लिए लोग उनकी हत्या कर देते हैं। कुछ लोग तो एेसे भी हैं जो उन्हें बंधक बनाकर उनकी नुमाइश कर अपना जीवनयापन करते हैं। जन्म से लेकर अंतिम सांस तक वो लोगों का रोजगार का साधन मात्र बनें रहते हैं। क्या जानवरों को प्राकृतिक रूप से जीने का हक नहीं हैं? एेसी बातों से दुखी होकर शहर की अजिता पाण्डेय ने सांपों के जीवन को संरक्षित रखने के लिए पिछले दो साल से काम कर रही है। उन्होंने अब तक एक हजार से ज्यादा सांपों का पकड़कर सुरक्षित स्थान में छोड़कर उनका जीवन बचाया हैं।
अजिता पाण्डेय ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व सपेरे सांपों को लेकर उनके घर आए। उन्हें देखकर मेरे मन में उनको जानने की जिज्ञासा हुई। मैंने यूट्यूब, समाचार पत्र, पुस्तक आदि के माध्यम से उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश की। जिसमें पता चला कि तीन चार सांप एेसे होते हैं जिनमें जहर होता हैं। जिसके काटने से लोगों की मौत तक हो सकती हैं। जानकारी के अभाव में लोग डर से सांपों को मार डालते हैं। लोगों के डर और सांप के प्रति नफरत को मिटाने के लिए अजिता पाण्डेय लोगों में जागरूकता फैला रही है। जहां भी उनको जानकारी होती हैं वहां वे उन्हें बचाने पहुंच जाती है। सांपों की हरकत को देखकर ही अजिता अंदाजा लगा लेती हैं कि सांप जहरीला है की नहीं। उसके बाद ही वह उन्हें पकडऩे में जुट जाती है।
बिलासपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत अजिता पाण्डेय ने बताया कि वह सांपों व अन्य जानवरों को अपने बच्चे की तरह मानती हैं। सांपों को पकड़ते समय उन्हें चोट न लगे इसका पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। वह हमेशा सांपों को हाथ से ही पकड़ती है, लेकिन जहरीले सांपों को पकडऩे के लिए सुरक्षा के सारे उपकरण साथ रखती है। वह किसी भी जानवर को कैद में नहीं देख सकती है इसलिए उन्हें आजादी से जीने के लिए जंगल में छोड़ देती है।
अजिता की मां सूर्यकांता पाण्डेय शिक्षक हैं। अजिता ने अभी तक एक हजार से ज्यादा सांपों को पकड़ चुकी है। घर वाले उन्हें हमेशा समझाते हैं कि वह एेसे काम न करें जिससे उनके जान को खतरा हो। लेकिन अजिता फोन आते ही बिना घर वालों को बताएं पहुंच जाती हैं अपने बच्चों को बचाने के लिए। माँ को हमेशा बेटी का चिंता सताते रहता है कि कोई जहरीला सांप बच्चे को नुकसान न पहुचा दें। पर अब बेटी के गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने से घर मे खुशी है।
लोगों से अपील: अजिता पाण्डेय ने बताया कि जब भी कभी किसी को सांप काटे तो उन्हें डराये नही , सबसे पहले काटे गए जगह पर क्रेक बैंडेज लपेट दें। उसके तुरंत बाद पीड़ित को हॉस्पिटल ले जाये और एंटी स्नैक वेनम दिलवाए। झाड़फूंक के चक्कर मे कभी न पड़े।