बालोद- राज्य शासन के निर्देश के बाद चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस कर अपनी गाढ़ी कमाई लुटा चुके लोगों को उनके रुपए वापस कराने की कवायद लगातार की जा रही है। वहीं अपने रुपए वापस लेने की चाह में गुरुवार को बालोंद जिले के 4 तहसील कार्यलयों में सुबह से ही लोगो की भारी भीड़ रही। जिले के अनुभाग स्तर पर बालोद,गुरुर,गुंडरदेही व डोंडीलोहारा के एसडीएम को आवेदन लेने नामांकित किया गया है। रकम वापसी के लिए प्रसासन निवेशकों से आवेदन ले रहा है। निवेशक उम्मीदों के साथ आवेदन लेकर तहसील कार्यलय में जमा कर रहे हैं।
तहसील कार्यलय परिसर में निवेशकों की उमड़ी भीड़
जिले में चिटफंड कंपनियों की जाल में फंस कर अपने रुपए गंवा चुके लोगों को राज्य शासन ने अपने घोषणापत्र के वादे के अनुसार रुपए वापस करने की कवायद शुरू की है। निवेशक को से दस्तावेज आमंत्रित कर उनके पैसे लौटाने की कवायद की जा रही है, जिसके लिए दस्तावेज जमा करने गुरुवार को बड़ी संख्या में तहसील कार्यालय परिसर पर लोग उमड़े।
चिटफंड कंपनियों के जाल में फंसकर जिले के हजारों लोगों ने जमा किए करोड़ो रूपये
चिटफंड कंपनियों के द्वारा निवेशकों को उनके रुपए दोगुने करके देने का झांसा दिया गया था। चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस कर जिले के हजारों लोगों ने अपने करोड़ो रुपए जमा कर दिए। किसी ने एक लाख निवेश किया तो किसी ने 05 लाख निवेश किए, लेकिन मेच्योरिटी पूरी होने के बाद भी ना उन्हें डबल रकम मिली और ना उनकी मूल रकम अदा हुई। ऐसे में निवेशकों ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायालय और राज्य सरकार का दरवाजा खटखटाया और न्याय की मांग की। निवेशकों को उनके पैसे लौटाने राज्य शासन के आदेश के बाद निवेशकों को उनके रुपए मिलने की उम्मीद जगी।
प्रोफार्मा में नाम, पता, मोबाइल नंबर ईमेल समेत अन्य जानकारी देनी होगी
आवेदक का नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर, ईमेल, वित्तीय संस्थान का नाम जिसमें रकम जमा किया, जमा करने का दिनांक व स्थान, एजेंट जिसके माध्यम से रकम जमा किया उनका नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर, बांड पेपर, जमा करने की रसीद, अन्य दस्तावेज की फोटोकॉपी, वित्तीय संस्थान, एजेंट ने किस स्कीम के तहत रकम जमा कराई, कोई पांपलेट, बुकलेट, अन्य दस्तावेज दिया गया हो तो उसकी फोटोकॉपी, जमा की गई रकम की परिपक्वता (मैच्यूरिटी) दिनांक, पीड़ित निवेशक द्वारा क्या अपेक्षा की जाती है।
छह तक जमा होंगे आवेदन
बड़ी संख्या में तहसील कार्यालय पहुंचे निवेशकों ने कहा कि वह अपने परिचय एजेंटों के माध्यम से चिटफंड कंपनियों में निवेश किए थे। उन्हें रूपये दोगुने होने का लालच दिया गया था। दस्तावेज जमा करने को लेकर प्रशासन ने छह तारीख तक का समय निवेशकों को दिया है। निवेशकों की भीड़ को देखते हुए यह समय पर्याप्त नजर नहीं आ रहा है। वहीं सिंगल काउंटर होने की वजह से फार्म जमा करने लोगों को घंटों लग रहा और अव्यवस्था नजर आ रही है। निवेशक ने बताया कि फार्म जमा करने की तिथि बढ़ाने की मांग शासन-प्रशासन से की है। साथ ही काउंटर की संख्या भी बढ़ाने की मांग की गई है।
संपत्तियों कुर्क की जाएगी
चिटफंड कंपनी का जाल जिले भर में फैला हुआ था। यहां हजारों निवेशकों से करोड़ो रुपए वसूल कर चिटफंड कंपनियों ने उन्हें अपने झांसे में ले लिया था। इसके बाद कई कंपनियां भाग गई और कई कंपनियां बंद हो गई, लेकिन निवेशकों को उनके रुपए वापस नहीं हुए। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने सत्ता में आने पर निवेशकों के रुपए वापस कराने घोषणापत्र में वादा किया था। सरकार के द्वारा किए गए वादे को पूरा करते हुए निवेशकों को उनके रुपए लौटाने की कवायद बीते वर्ष शुरू कर दी गई थी और चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्की कर विक्रय किया जा रहा है, वहीं रुपए आने पर निवेशकों को लौटाया जाएगा।
आवेदन की तिथ बढाने के लिए ज्ञापन
चिटफंट कंपनियों के निवेशको से आवेदन जमा लेने की अंतिम तिथि बढ़ाने और व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग प्रशासन से किया है। पदाधिकारियों का कहना है कि निवेशकों की संख्या हजारों में हैं। ऐसे में आवेदन काउंटर बढ़ाना जरूरीू है। साथ ही इतने कम समय में सभी निवेशकों का फार्म जमा हो पाना भी मुश्किल है। ऐसे में उसकी वधि भी बढ़ाने की जरूरत है।