बालोद- छतीसगढ़ अभिकर्ता उपभोक्ता सेवा संघ बालोद ने शनिवार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन अपरकलेक्टर अनिल वाजपेयी को सौपा।यह ज्ञापन चिटफंड कंपनी में फंसे निवेशकों के पैसा वापसी के लिए आवेदन जमा लेने के लिए सौपा गया है। छ ग अभिकर्ता उपभोक्ता सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष गगन कुंभकार महासचिव नंद कुमार निषाद ने प्रदेश भर सभी जिला में संघ की बैठक कर संघ के पदाधिकारी को अपने अपने जिला में ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम किए, 28 जुलाई को गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय नया रायपुर से छ ग के सभी जिला कलेक्टर को आदेश हुए है कि 02अगस्त से 06 अगस्त 2021 तक सभी चिटफंड कम्पनी के निवेशक अपने धन वापसी हेतू अपने जिला कार्यलय में आवेदन जमा करे, जिसके लिए सासन द्वारा आवेदन फार्मेट भी जारी किए है, शासन द्वारा आवेदन जमा करने के लिए बहुत कम समय दिए है, और शनिवार को बालोद जिला में जिला कलेक्टर से आदेश जारी नहीं हुए है, इस लिए छ ग अभिकर्ता उपभोक्ता सेवा संघ के पदाधिकारी कलेक्टर से जा कर आदेश की जानकारी मांग रहे है, ताकि सभी निवेशक अपने धन वापसी हेतु आवेदन जमा कर सके। बालोद जिला अध्यक्ष रवि साहू,उपाध्यक्ष सतोष मानिकपुरी,सचिव असिमे साहू,सहसचिव यशवंत साहू,कोषाध्यक्ष अंगद साहू,सरक्षक पुनीत सेन,तोमनलाल साहू,टीकम साहू,तेजराम सिन्हा, धनेश साहू ,आत्माराम साहू सहित अन्य सदस्यों के नेतृत्व में संघ के पदाधिकारी द्वारा ज्ञापन दिया गया।
जिले के 5 हजार निवेशकों के 3 करोड़ रुपये चिटफंड कंपनियों में फंसे
छग अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संध के जिलाध्यक्ष रवि साहू ने बताया कि बालोंद जिले के लगभग 5 हजार निवेशक गरीब परिवारों के 3 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि चिटफंड कंपनियों में फंसी हुई है।जिसकी पैसा वापसी के लिए संध द्वारा 2015 से लगातार शासन प्रशासन को आवेदन,ज्ञापन और आंदोलन के माध्यम से शासन प्रशासन तक समस्या को पहुचाने का कार्य करते रहे लेकिन अब तक शासन प्रशासन द्वारा हमारी मांग को नजर अंदाज किया है।जिलाध्यक्ष ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2018 में काग्रेस ने अपने जनधोषणा पत्र क्रमांक 34 में छग राज्य में काग्रेस की सरकार बनती है तो चिटफंड कंपनियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए निवेशकों का पैसा वापस करने कहा गया था।जिस पर विश्वास करके चिटफंड कंपनियों में फसे निवेशक अभिकर्ता ने काग्रेस को वोट देकर छग में काग्रेस की सरकार बनाने में सहयोग किए हैं काग्रेस की सरकार बने दो वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी निवेशक का पैसा वापस नही हुआ है।