बालोद-बालोद जिले भर में आज से लगभग 100 से अधिक बसों के पहिए थम गए हैं…. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी ज्यादा परेशानीयो का सामना करना पड़ा… बस मालिकों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 13 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं…. बसो की हड़ताल होने की जानकारी नही होने के कारण लोग सुबह से ही नया बस स्टेंड पहुचे थे …लेकिन बसो के हड़ताल होने की जानकारी मिलते ही निराश होकर अपने धर को लौट गए..
इधर डीजल के बढ़े दाम के चलते बसों के पहिए थमने से जिले से दल्लीराजहरा, भानुप्रतापपुर, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग,कांकेर, सहित ग्रामीण क्षेत्रो में चलने वाली यात्री बसे पूरी तरह से बंद है। मामले में बस संचालक कि माने तो जब डीजल के दाम 65 रुपये लीटर था तब भी किराया वही था..और आज डीजल के दाम 100 रुपये तक पहुंच चुका है…बस मालिकों ने 40% यात्री किराया बढ़ाने, ऑफ रोड बसों का टैक्स माफ करने की मांग की है..इसके विरोध में 13 जुलाई से बस मालिको का अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
वही बस से अपने गंतव्य स्थानों तक जाने की आस में किसी तरह जुगाड़ से बस स्टैंड पहुंचने के बाद यात्रियों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही थी..इनकी माने तो इनको मालूम नही था कि आज बस बंद है…जिसके चलते वे लिफ्ट लेकर यहाँ पहुंच तो चुके है लेकिन अब वापसी कैसे होए इस बात की चिंता हो रही है….वही कुछ लोगो को अस्पताल में अपने परिजनों से मिलने जाना था …लेकिन यात्रियों को बस स्टैंड से वापस जाना पड़ा.. बहरहाल देखना होगा बस मालिको का आंदोलन कब तक चलेगा और लोगो को इस परेशानी से कब तक निजात मिल पाएगी