बालोद।बालोद जिले के गुरुर विकासखंड के ग्राम सांगली निवासी तथा आर्मी में पदस्थ चैतन्य साहू की पत्नी बबीता साहू ने मालवांचल विश्वविद्यालय इन्दौर से पीएचडी की उपाधि हासिल कर अपने समाज व जिले का नाम रोशन किया है। बबीता साहू पति चैतन्य साहू ग्राम सांगली को मालवांचल विश्वविद्यालय इन्दौर (म.प्र.) ने पी.एच.डी. नर्सिंग की उपाधि प्रदान की। उन्होने अपना शोध कार्य जैविक आपदा प्रबंधन में प्रो. डॉ जितेन्द्र चिचोलकर इन्दौर (म.प्र.) के निर्देशन में पूर्ण किया है। जिसके बाद जिलावासियों में हर्ष का माहौल है।
पति लेबनान में भारत की ओर से शांतिदूत टीम का कर चुके प्रतिनिधित्व
पति चैतन्य साहू जो कि आर्मी है तथा पूर्व में भारतीय रक्षा मंत्रालय के माध्यम से 8 माह तक लेबनान में भारत की ओर से शांतिदूत टीम का हिस्सा रह चुके है । तथा वर्तमान में लखनऊ में आर्मी में पदस्थ है
ससुर ने किया प्रोत्साहित
आपको बतादे बालोद जिला का गुरुर ब्लाक जो कि जिले के कृषि उपज के मामले में अव्वल है तो वही शिक्षा के क्षेत्र में भी गुरुर ब्लाक कही आगे है। बबीता साहू के पति आर्मी में पदस्थ है वही पति छुट्टियों में घर आते है लेकिन इस समय का उपयोग करते हुए बबिता की ईच्छा उच्च शिक्षा में मुकाम हासिल करने की थी जिसके बाद बबीता के ससुर निहाल सिंह जो खुद भी सनौद में शिक्षक रह चुके है उनके द्वारा भी अपने बहु को आगे की पढ़ाई को जारी रखने की अनुमति देते हुए प्रोत्साहित किया गया और अपने परिवार के इस विश्वास पर खरा उतरते हुए बबीता ने ये मुकाम हासिल कर ली है।
बबीता साहू ने बताया कि पीएचडी की उपाधि मिलने से वह काफी खुश हैं। इससे उनका मनोबल बढ़ा है। बबीता साहू ने 2009 से 13 तक बीएससी धमतरी में की है।2017 से 18 तक श्रेयस कॉलेज ऑफ नर्सिंग में एमएससी की है। 2020 से 22 तक मालवांचल यूनिवर्सिटी इंदौर मध्यप्रदेश में पीएचडी की है। इसके बाद तीन वर्ष तक कोरबा में वर्क एक्सपीरियंस सृष्टि मेडिकल साइंस एंड रिसर्च मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर और श्रेयस कॉलेज ऑफ नर्सिंग 1 वर्ष लेक्चरर , सीजी कालेज ऑफ नर्सिंग में 6 वर्षों तक एसोसिएट प्रोफेसर और अंतिम 2 वर्ष इंचार्ज प्रिंसिपल एंड एसोसिएट प्रोफेसर की कोर्स किये है। पीएचडी की उपाधि हासिल करने के बाद उनके परिजनों व समाज के लोगों में काफी खुशी है। साथ ही परिवारजनों व समाज के लोगों सहित ग्रामवासियों ने उसके सफलता पर बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।