बालोद, जिला पंचायत सभाकक्ष में गुरूवार 20 मार्च को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कनौजे ने बाल विवाह की रोकथाम में सहयोग करने सभी अधिकारी-कर्मचारियों एवं उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं को शपथ भी दिलाई गई। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास अधिकारी के अलावा परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक तथा पुलिस विभाग के थाना प्रभारी, समाज प्रमुख, स्वैच्छिक संगठन के सदस्यगण उपस्थित थे। कार्यशाला में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर श्री विपिन ठाकुर ने बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ के संबंध में आवश्यक जानकारियाँ दी। कार्यशाला में बताया गया कि बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का निर्मम उल्लंघन है। बाल विवाह से बच्चे के पूर्ण और परिपक्व व्यक्ति के रूप में विकसित होने के अधिकार, अच्छा स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा पाने और हिंसा, उत्पीड़न व शोषण से बचाव के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है। कम उम्र में विवाह से बालिका का शारीरिक विकास रूक जाता है। गंभीर संक्रामक यौन बीमारियों के चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है और उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। जल्दी विवाह अर्थात जल्दी माँ बनना। इसके कारण कम उम्र की माँ और उसके बच्चे, दोनों की जान और सेहत खतरे में पड़ जाती है। कम उम्र में प्रजनन अंगो के पूर्ण विकसित नहीं होने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। कम उम्र की माँ के नवजात शिशुओं का वजन कम रह जाता है, इसके साथ ही उनके सामने कुपोषण व खून की कमी की भी ज्यादा आशंका रहती है। बाल विवाह की वजह से बहुत से बच्चे अनपढ़ और अकुशल रह जाते हैं जिससे उनके सामने अच्छे रोजगार पाने और बड़े होने पर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की ज्यादा संभावना नही बचती। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि बाल विवाह की सूचना अनुविभागीय दण्डाधिकारी, पुलिस थाना, महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रिय अधिकारी-कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सरपंच, कोटवार के अलावा चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर 1098 तथा महिला हेल्प लाईन नंबर 181 को भी दी जा सकती है।
जिला पंचायत सभाकक्ष में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ के संबंध में कार्यशाला संपन्न ….बाल विवाह नहीं कराए जाने दिलाई गई शपथ
