प्रदेश रूचि

कुसुमकसा समिति प्रबंधन ने निकाला था फरमान: 50% बारदाना किसानों को लाना होगा, विरोध में जनपद सदस्य संजय बैस आए सामने, प्रबंधन ने फैसला लिया वापसस्वच्छता दीदीयो द्वारा धरना प्रदर्शन कर अंतिम दिन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापनउप मुख्यमंत्री अरुण साव ने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ केक काटकर अपने जन्मदिन की शुरुआत की..वही बालोद जिले के भाजपा नेताओ ने भी लोरमी पहुंचकर दिए बधाईपांच दिनों के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद ट्रांसपोर्टरों का बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन…… माइंस की गाड़ियों को रोक किया चक्काजाममुख्यमंत्री साय अब ट्रेन से भी करेंगे राज्य के विविध क्षेत्रों का दौरा….बिलासपुर में आयोजित कवि सम्मेलन सुनने अमरकंटक एक्सप्रेस से हुए रवाना…मुख्यमंत्री ने कहा – ट्रेन से यात्रा का आनंद ही अलग होता है


नियमितीकरण,पदोन्नति समेत अपने लंबित 8 मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व साहिकाओ ने किया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन

बालोद।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले बालोद जिले के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को नियमितीकरण, पदोन्नति व समूह बीमा योजना लागू करने समेत अपने लंबित 8 मांगों को लेकर स्थानीय नया बस स्टैंड स्थित टैक्सी स्टैंड एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम सयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कार्यकताओं ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत हम मेहनतकश महिलाकर्मियों को जो मूलभुत सुविधा और लाभ केन्द्र और राज्य सरकार से मिलने चाहिए उस पर अपना ध्यान आकर्षण करने आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया है।

 

आठ सूत्रीय मांगे

 

आठ सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से पंचायती राज के अधीन छ०ग० राज्य में पंचायतकर्मी, शिक्षाकर्मी,स्वास्थ्य कर्मी, पंचायत सचिवों जैसे मानसेविकों को सरकार निती बनाकर उन्हें नियमित (शासकीय कर्मचारी) कर चुकी है लेकिन हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विगत 50 सालों से कार्यरत् है लेकिन हम आज भी मानसेवी नहीं है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को नियमित करते हुए शासकीय कर्मचारी घोषित किया जायें। शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 21,000/- रू० और सहायिका को 17,850/-रू० जीने लायक वेतन स्वीकृत किया जायें साथ ही वर्तमान में कार्यकर्ताओं को प्राप्त मानदेय 10,000/- रूपयें का 85 प्रतिशत राशि सहायिकों के लिए स्वीकृत किया जायें।

35 से 40 वर्ष विभाग की सेवा करने के

भी बुढ़ापे के समय जीवन यापन हेतु ना कोई पेंशन मिल रहा है और ना ही एकमुश्त राशि मिल रहा है। कार्यकर्ताओं को 10,000/- रू और सहायिका को 8000/-रू. मासिक पेंशन और बुढ़ापे के शेष जीवन के लिए कार्यकर्ताओं को 5 लाख रूपयें सहायिकाओं को 4 लाख रूपयें एकमुश्त ग्रेज्युटी राशि प्रदान किया जायें। भविष्य की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को समुह बीमा योजना (GIS) में जोड़ा जावें इस हेतु नीति निर्धारण किया जायें। कार्यकर्ता सहायिका के आकस्मिक मृत्यु होनें पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जायें। मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया जायें। मानदेय को मंहगाई भत्ता के साथ जोड़ा जायें। वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत् आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व

सहायिकाओं को पदोन्नति के पद रिक्त होने के बाद भी 50 प्रतिशत का प्रतिबंध होनें के कारण हमें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। 50 प्रतिशत का बंधन को समाप्त किया जायें और कार्यकर्ता को बिना उम्र बंधन के वरिष्ठता कम में बिना परीक्षा के सुपरवाईजर के रिक्त सत् प्रतिशत पद पर लिया जायें इसी तरह सहायिका को भी 50 प्रतिशत के बंधन को समाप्त कर कार्यकर्ता के पद रिक्त होनें पर सत् प्रतिशत वरिष्ठता क्रम में कार्यकर्ता के पद पर मनोनित किया जावें।सभी केन्द्रों में गैस सिलेन्डर और चुल्हा प्रदान किया जायें और इसकी रिफलिंग की व्यवस्था सुगम बनाया जायें। बढ़ते इस मंहगाई के दौर में हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान है। विभागीय कार्य के अलावा भी कई सारे काम हमसे लिया जाता है जिसके कारण विभागीय काम में बाधा उत्पन्न होती है। आशा करते है कि हमारी मांगों का निराकरण करेंगे। आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता व सहायिका ने शासन प्रशासन से मांगों को सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए पूरा कराने की मांग किया है। इस धरना प्रदर्शन में जिले भर के सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता व सहायिका शामिल हुए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!