बालोद।बालोद जिले के अर्जुन्दा सामुदायिक केंद्र में अस्पताल में 15 सितंबर को ऑन ड्यूटी डॉक्टरों के साथ गाली गलौच मारपीट का मामला शांत नही हुआ था। इस बीच 13 अक्टूबर फिर से उसी जगह डॉक्टरों को मिली धमकी के बाद जिले भर के डॉक्टरों ने बुधवार को एक दिन का अवकाश लेकर धरने पर चले गए।डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के इस आंदोलन से जिले भर के शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा पर भी इसका असर देखने को मिल।वही इस आंदोलन में डॉक्टरों ने अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने और उपद्रवियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर दिन भर धरने पर बैठे रहे।
पूरे मामले में आंदोलन कर रहे डॉक्टरों कि माने तो 15 सितंबर रात को नगर के 3 युवकों द्वारा अर्जुन्दा अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टरों के साथ गाली गलौच और जान से मारने की धमकी मिली थी।जिसपर कार्यवाही की मांग को लेकर पहले भी डॉक्टरों द्वारा आंदोलन किया गया।जिसके बाद मामले में दो युवक की गिरफ्तारी हुई तथा एक आरोपी आज भी फरार है।वही 13 अक्टूबर को गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी के पिता के मौत के बाद स्थानीय लोगो और आरोपी के परिजनों द्वारा मृतक का शव अस्पताल में रखकर हंगामा करने लगेऔर अस्पताल को आग लगाने तथा डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी देने लगे।जिसके बाद डॉक्टर और घबरा गए तथा लगातार बढ़ते घटना को देखते हुए डॉक्टरों ने अर्जुन्दा अस्पताल के सामने अपनी मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किए और पूर्व से फरार आरोपी सहित 14 अक्टूबर को डॉक्टरों को मिली धमकी मामले में तत्काल कार्यवाही की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।
इसी बीच स्वास्थ्य कर्मचारी व अधिकारीयो द्वारा हड़ताल में जाने के बाद सीनियर डाक्टरों पर भी काम का दबाव बढ़ गया।जिला अस्पताल में भी सिविल सर्जन सहित कुछ सीनियर डाक्टरों ने ही ओपीडी में सेवाएं दी। इसी बीच जिला अस्पताल के ज्यादातर डॉक्टरों का चैंबर खाली देखा गया।आज अर्जुंदा में आयोजित धरना प्रदर्शन में प्रायः सभी स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हुवे ।जिले के सभी शासकीय अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पे रहे।ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य सेवा लगभग ठप्प रही।