
बालोद। बालोद ब्लाक के ग्राम बोरी की सीमा से होकर गुजरने वाले सेमरिया नाला में उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य के लिए लगभग तीन वर्ष पूर्व तीन करोड़ दस लाख रूपए की स्वीकृ ति प्रदान की जा चुकी है। सेतु विभाग द्वारा उक्त पुल का निर्माण किया जाना है लेकिन अब तक उक्त कार्य का श्रीगणेश भी नहीं हो पाया है। जर्जर पुल से बाढ़ का पानी उतरने के बाद भी पुल पैदल चलने के लायक नहीं है। ऐसे में क्षेत्र के ग्रामीण कृषकों एवं स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभागीय अनदेखी के चलते ग्रामीणों में शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश की भावना पनपने लगी है जो कभी भी उग्र रूप ले सकता है।
विगत आठ दस वर्षो से जर्जर हो चुका है सेमरिया नाला पुल
बता दे बालोद ब्लाक के ग्राम बोरी की सीमा से होकर गुजरने वाला सेमरिया नाला पुल से बाढ़ का पानी उतरने के चार दिनों के पश्चात् भी अब तक विभाग द्वारा पुल को आवागमन के लायक नहीं बनाया गया है। उक्त मार्ग में संधारण कार्य नहीं हो पाने के चलते अब भी क्षेत्र के दर्जनों ग्राम के ग्रामीण, स्कूल, कॉलेज विद्यार्थियों को 15 से बीस किमी की अधिक दूरी तय कर अपने कार्य क्षेत्र की ओर आवागमन करना पड़ रहा है। विगत् आठ दस वर्षों से सेमरिया नाला पर बनाया गया पुल जर्जर हो चुका है जिसके नवीनीकरण की बजाए विभाग द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रूपए खर्च कर संधारण कार्य कर अपने कर्त्तव्यों की पूर्ति करते आ रहे हैं। प्रतिवर्ष प्रथम बारिश में ही नाला में किया गया संधारण कार्य पानी में बह जाता है। जर्जर पुल के नवीनीकरण की मांग को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण पीडब्लूडी विभाग, जिला प्रशासन, विधायक, सांसद के साथ ही राज्य के मंत्री, मुख्यमंत्री तक अपनी मांग रख चुके हैं लेकिन विगत् आठ दस वर्षों की मांग के पश्चात् भी पुल की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है जिसके चलते क्षेत्र के ग्रामीणों में शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उक्त जर्जर पुल में प्रतिवर्ष घटना दुर्घटना होना सामान्य बात हो गई है जिसके पश्चात भी पुल के नवीनीकरण की दिशा में कोई ध्यान दिया जा रहा है, शायद प्रशासन किसी बड़ी गंभीर घटना का इंतजार कर रहा है। पुल पर पानी होने से स्कूल, कॉलेज नहीं जा पाए विद्यार्थी पुल से पानी उतरने के बाद भी संधारण कार्य नहीं होने से आवागमन नहीं कर पा रहे हैं।