दुर्गम इलाके और कठोर मौसम में राष्ट्र की रक्षा करने के लिए सैनिकों की वीरता, दृढ़ संकल्प और बलिदान की सराहना की
रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों से सैनिकों के साथ एक दिन पहले त्योहार मनाने की नई परंपरा स्थापित करने का आग्रह किया
“देश के रक्षकों के साथ ऐसे उत्सव मनाना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग बन जाना चाहिए”
मौसम की प्रतिकूल स्थितियों के कारण रक्षा मंत्री की विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के लिए निर्धारित यात्रा में बदलाव; उन्होंने वहां तैनात जवानों को फोन पर होली की शुभकामनाएं दीं; उनसे कहा कि वह जल्द ही सियाचिन का दौरा करेंगे और उनसे बातचीत करेंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 मार्च, 2024 को लेह में सैनिकों के साथ रंगों का त्योहार होली मनाया। इस अवसर पर उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली भी थे।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने सैनिकों को संबोधित करते हुए दुर्गम इलाके और कठोर मौसम में मातृभूमि की रक्षा करने के लिए उनकी वीरता, दृढ़ संकल्प और बलिदान की सराहना की । उन्होंने कहा, ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों की सकारात्मक प्रतिबद्धता शून्य से कम तापमान से भी ज्यादा मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि जैसे दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई वित्तीय राजधानी है और बेंगलुरु प्रौद्योगिकी राजधानी है, उसी प्रकार लद्दाख भारत की वीरता और बहादुरी की राजधानी है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “पूरा देश सुरक्षित महसूस करता है, क्योंकि हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं की हिफाजत कर रहे हैं। हम प्रगति कर रहे हैं और खुशहाल जीवन जी रहे हैं, क्योंकि हमारे मुस्तैद सैनिक सीमाओं पर तैयार खड़े हैं। प्रत्येक नागरिक को सशस्त्र बलों पर गर्व है, क्योंकि वे अपने परिवारों से बहुत दूर रहते हैं, ताकि हम अपने परिवारों के साथ होली और अन्य त्योहार शांतिपूर्वक मना सकें। राष्ट्र सदैव हमारे सैनिकों का ऋणी रहेगा तथा उनका साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि उन्होंने सैनिकों के साथ एक दिन पहले होली मनाने का फैसला किया, क्योंकि उनका मानना है कि त्योहारों को सबसे पहले देश के रक्षकों के साथ मनाया जाना चाहिए। उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों से सैनिकों के साथ एक दिन पहले त्योहार मनाने की नई परंपरा स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “कारगिल की बर्फ से ढकी चोटियों पर, राजस्थान के तपते मैदानों में और गहरे समुद्र में स्थित पनडुब्बियों में तैनात सैनिकों के साथ इस तरह के उत्सव मानना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग बन जाना चाहिए।”
इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने राष्ट्र की सेवा में प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में लेह के युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
बाद में, रक्षा मंत्री ने विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात सैनिकों से फोन पर बात की और उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने वहां तैनात सैनिकों से कहा कि वह जल्द ही सियाचिन का दौरा करेंगे और उनसे बातचीत करेंगे। श्री राजनाथ सिंह का सियाचिन के दौरे पर जाने और वहां सैनिकों के साथ होली मनाने का कार्यक्रम था। हालांकि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण कार्यक्रम में बदलाव किया गया और उन्होंने लेह में सैनिकों के साथ रंगों का त्योहार मनाया।