प्रदेश रूचि

देखिए कलेक्टर साहब बालोद आरटीओ की मेहरबानी से अनफिट बसों की बढ़ी रफ्तार… इधर बालोद परिवहन संघ ने भी सांसद के पास रख दी अपनी मांगकुसुमकसा समिति प्रबंधन ने निकाला था फरमान: 50% बारदाना किसानों को लाना होगा, विरोध में जनपद सदस्य संजय बैस आए सामने, प्रबंधन ने फैसला लिया वापसस्वच्छता दीदीयो द्वारा धरना प्रदर्शन कर अंतिम दिन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापनउप मुख्यमंत्री अरुण साव ने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ केक काटकर अपने जन्मदिन की शुरुआत की..वही बालोद जिले के भाजपा नेताओ ने भी लोरमी पहुंचकर दिए बधाईपांच दिनों के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद ट्रांसपोर्टरों का बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन…… माइंस की गाड़ियों को रोक किया चक्काजाम


अच्छी पहल :- बालोद जिले के इस गांव में युवाओ की पहल पर एक साथ 4 सौ अधिक महिलाओ को कराया गया सामूहिक करू भात भोजन…. आज महिलाये रखेगी तीजा उपवास…क्या है तीज पर्व की मान्यता..पढ़े ये खबर

बालोद-जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर गुंडरदेही के आखिरी सीमा पर बसे ग्राम पसौद के ग्रामीणों ने विशेष पहल की है। जहाँ प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी तीजहारिन महिलाओं को रविवार की रात्रि को करू भात खिलाई गई।गांव की महिलाओं ने सर्वप्रथम शिव पार्वती की पूजा अर्चना किया।ग्रामीणों की मदद से ऐसे कार्यक्रम के आयोजन का यह पांचवा वर्ष है। तीजहरिन महिलाओं को एक साथ बिठाकर करू भात खिलाया गया । ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सभी घरों में आई तीजहारिन महिलाएं सहित घर की महिलाएं को भी सोमवार की रात को एक साथ सामूहिक भोजन कराया गया। युवाओं ने ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा कर तीजहारिन महिलाओं को एक जगह पर एक साथ भोजन कराने का अनोखा प्रयास किया है। यह पांचवा साल है।


400 से अधिक महिलाओं को एक साथ बिठाकर खिलाया करू भात

ग्राम पसौद के ग्रामीणों की विशेष पहल पर तीजहारिन महिलाओं के लिए भोजन की व्यवस्था किया गया। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा
कोई चावल, कोई दाल, तो कोई सब्जी का सहयोग देकर इस दिन को खास बनाने का प्रयास किया है। इस साल लगभग 400  महिलाओं से ज्यादा की संख्या में एक साथ करू भात खिलाया गया।

युवाओं की पहल पर माताओ बहन बेटियों को सामूहिक रूप से कराया भोजन

ग्राम पसौद में पिछले साल की तरह इस बार भी सभी तीजहारिन महिलाओं को रात में करू भात खिलाया गया। गांव के सभी घरों में आई तीजहारिन महिलाएं सहित घर की महिलाएं भी एक साथ सामूहिक भोजन किया। युवाओं ने इसके लिए अपना योगदान देकर माताओं, बहन-बेटियों को भोजन कराने का अनोखा प्रयास किया। यह वर्ष है ग्राम की महिलाएं एक साथ करेला की सब्जी व चावल ग्रहण किया। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सकरौद,मटिया,पीपरछेड़ी व अर्जुन्दा मे भी समूहिक करू भात का आयोजन किया गया था।

इसलिए महिलाएं मनाती हैं तीज

तीजा मनाने के पीछे ऐसी मान्यता है कि जब हिमालय के राजा दक्ष अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भगवान विष्णु से करना चाहते थे, लेकिन पार्वती ने भगवान शंकर को ही अपना पति मान लिया था।जब पार्वती ने यह बात अपनी सहेली को बताई तब उनकी सहेली ने राजा दक्ष के महल से तीज के दिन पार्वती का हरण कर उन्हें जंगल में ले गईं इसलिए इसे हरतालिका तीज भी कहा जाता है।शंकरजी को पाने के लिए इसी दिन पार्वती ने दिन-रात बिना कुछ खाए पिए कठोर तपस्या की थी। इसके बाद पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर शंकरजी ने पार्वती से विवाह किया। तीजा पर इसी मान्यता के चलते कुंवारिया श्रेष्ठ वर पाने तथा सुहागिनें पति की सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए उपवास रहकर पार्वती-शंकर की पूजा-अर्चना करती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!