बालोद- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के उपलक्ष में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उनके नाम पर ही शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार दिया जाता है। बालोद के पूर्व विधायक स्व. हीरालाल सोनबोइर को तत्कालीन प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने खुद अपने हाथों से उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में 31 अक्टूबर 1961 को पुरस्कृत कर सम्मानित किया था। 2 मई 1928 को शिक्षक के रूप में उनकी पहली नियुक्ति 16 रुपए महीने वेतन पर अर्जुंदा के स्कूल में हुई थी । वे यहां वर्ष 1933 तक रहे। यहां रहने के दौरान उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रियता से भाग लिया। इसके बाद पिनकापार, खेरथा बाजार, डौंडी लोहारा, अंबागढ़ चौकी कुसुमकसा,पैरी,लाटाबोड़ में शिक्षक रहे।लाटाबोड़ से ही प्रधानाध्यापक के रूप में 55 वर्ष में सेवानिवृत्त हुए।तब सेवानिवृति की आयु 55 वर्ष ही थी। राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने पर उनका सेवाकाल 2 वर्ष बढ़ाने की अनुशंसा की गई थी। पैरी के प्राइमरी स्कूल में वर्ष 1941 में प्रधान पाठक के रूप में उनकी नियुक्ति हुई थी। इस दौरान पैरी के कई लोगों ने उनसे पढ़ा होगा। तब यहां वे डाक का काम भी देखते थे। पैरी में वे स्व. मनहरण लाल साहू के यहां रहते थे। बाद में सक्रिय राजनीति में आने के बाद वर्ष 1967, 1972 व 1980 में वे बालोद विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुने गए। 16 अप्रैल 1997 को उनका निधन हुआ।
वही आज जब पूरा देश शिक्षक दिवस मना रहे है आज उनकी तस्वीर को सोशल मीडिया में शेयर कर उनके पोते संजय सोनबोइर ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है जिन महान हस्ती के जन्मदिन आज पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में मना रहा है उनके हाथों दादा का सम्मान हुआ था।