*बरसात में गांव का टूट जाता है संपर्क, कभी भी घट सकती है बड़ी घटना*
गुण्डरदेही विधानसभा अंतर्गत ग्राम मार्री बंगला के मुख्यमार्ग में बरसों पुराना पुल अब जर्जर हो चुका है जिसे बनाने के लिए ग्रामीण विगत कई वर्षों से शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से मांग करते आ रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य एवं बालोद जिला पंचायत के पूर्व सभापति अभिषेक शुक्ला ग्रामीणों के साथ पुल का निरीक्षण करने पहुँचे थे तो ग्रामीणों ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी ग्रामीणों की यह प्रमुख मांग रही है। ग्रामीणों ने गुण्डरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद के प्रथम आगमन पर ही अपनी मांग रख दी थी और उन्होने इस मांग को प्रमुखता से पुरा करने का घोषणा कर भी दिया था लेकिन साढ़े चार वर्ष बाद भी मांग पुरी नहीं हुई। इतना ही नहीं पिछले कई वर्षों से ग्रामीण उन्हे इस पुल को बनाने के लिए कई बार मांग रख चुके हैं लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही उन्हे मिला है इस बात से ग्रामीणों में विधायक कुंवर निषाद के प्रति भारी नाराजगी है। पुल सड़क से काफी नीचे है ऐसे में बरसात के समय उसके उपर से पानी का बहाव होत रहता है, पुल अब भारी वाहन के भार को सहन करने लायक नहीं रह गया है और कभी भी यहां बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
इस पर भाजपा नेता अभिषेक शुक्ला ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यजनक बात है कि कांग्रेस विधायक विकास के दावे तो करते हैं लेकिन यहां तो गांव का मुख्यमार्ग का पुल ही जर्जर है घोषणा के बाद भी अब पांच वर्ष पूर्ण होने को है लेकिन अब तक पुल नहीं बन सका है। जर्जर पुल से भारी वाहनों का आवाजाही जारी है इसी मार्ग से रीवागहन से होते हुए लोग डोंगरगांव तक जाते हैं। बरसात में अक्सर पुल डूब जाने से गांव का संपर्क ही टूट जाता है। अभी भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं। कभी अप्रीय घटना घट सकती है। ग्रामीण खूबचंद, मगन लाल मालेकर, दिलीप सिंह साहू व पूल पार कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि इस संबध में विधायक कुंवर निषाद से कई बार मांग कर चुके हैं लेकिन विधायक की निष्क्रियता के कारण पुल का निर्माण नहीं हो सका है।
ग्राम मार्री बंगला के सरपंच अमर लाल भुआर्य ने बताया कि जर्जर पुल के विषय में हम सब ग्रामीण मिलकर विधायक निषाद से कई बार मांग कर चुके हैं लेकिन हमारी मांग पुरी नहीं हुई। अभी हाल ही में रीपा परियोजना के उद्धाटन में गुंडरदेही विधायक और कलेक्टर फिर से गांव आए थे उनसे पुल के विषय में मांग फिर से दोहरा चुके हैं लेकिन पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है। भारी बरसात के चलते पुल फिर से डूब गया है और कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।