बालोद-ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और रोजगार से जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बिहान (छत्तीसगढ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) की शुरुआत की थी। इससे जुड़ी महिलाओं को रोजगार तो मिला, लेकिन जब मानदेय में वृद्धि सहित 5 सूत्रीय मांगों की बात आई तो सरकार द्वारा ध्यान नही दिया जा रहा हैं। एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार अपनी महत्पूर्ण योजनाओं में शामिल ‘बिहान’ की उपलब्धियां बताती हैं। वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी महिलाएं उपेक्षित हैं। बालोद जिले की बिहान समूह से जुड़ी महिलाएं पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को नया बस स्टैंड धरना स्थल से 4 किमी पैदल रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुचकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। नारेबाजी करते हुए महिलाएं कलेक्ट्रेट के बाहर बैठ गईं।
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तपती गर्मी में 4 किमी पैदल यात्रा कर कलेक्ट्रेट धेराव करने पहुची बिहान समूह की महिलाएं
राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक बिहान (छग राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) को जमीनी स्तर पर क्रियावयन कर बिहान समूह से जुड़ी महिलाएं पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। अनिश्चितकालीन हड़ताल के 27 वे दिन सोमवार को जिले के बिहान समूह की महिलाओं ने धरना स्थल नया बस स्टैंड से तपती गर्मी में जहाँ 40 डिग्री तापमान होने के बावजूद भी 4 किमी की पैदल रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुचकर कलेक्ट्रेट का धेराव कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया गया।
बिहान समूह अध्यक्ष डॉली साहू, सचिव हेमा साहू, कोषाध्यक्ष प्रतिभा देशमुख, सलाहकार महेश्वरी ठाकुर ने कहा कि पांच वर्षों से महत्वपूर्ण योजना का सफलतापूर्वक संचालन करने के बाद भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बिहान समूह से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में वृद्धि, उन्हें नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने, प्रतिमाह मानदेय देने, नियमितीकरण एवं निवास से कार्य स्थल आने जाने, यात्रा भत्ता प्रदान करने की मांग की है।समूह की सदस्य सुनीत खुटे, देहुती सोनकर, तोमेश्वरी सिन्हा, विनिता पांडे, सीमा यादव, उषा कोमटे, ओमलता देशमुख, कांति, नीलू, इंदरबती, नीतू साहू, सर्वेश्वरी ने कहा कि जनपद से ग्राम पंचायत, ग्रामीण स्तर पर शासन की विभिन्न योजनाओं को अंजाम दे रहे हैं। स्वयं सहायता समूह गठित कर आजीविका गतिविधियां, कृषि, गौठान, चारागाह, बाड़ी विकास, मनरेगा अभिशरण, बीमा सहित अन्य कार्य शामिल है। इसके बाद भी शासन उन्हें नाममात्र का मानदेय दे रहा है। समूह से जुड़ी पीआरपी का वेतन 22 हजार रुपए, एफएलसीआरपी 15 हजार रुपए, आरबी के 8 हजार रुपए, बैंक मित्र 8 हजार रुपए, सीआरपीईपी 8 हजार रुपए, सीआरपी 5 हजार रुपए, पशु सखी 5 हजार एवं कृषि सखी से जुड़ी महिलाओं को वेतन-मानदेय दिया जाए।