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पंचायत सचिव संघ ने अपनी एक सूत्रीय मांग लेकर मंगलवार को शहर में रैली निकालकर विधायक को सौपेंगे ज्ञापन

बालोद, प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के आह्वान पर पंचायत सचिव अपने एक सूत्रीय मांग परीवीक्षा अवधि बाद के शासकीयकरण को लेकर सभी ब्लॉक मुख्यालयों में काम बंद-कलम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल के 28 वे दिन भी सोमवार को नया बस स्टैंड स्थित टैक्सी स्टैंड पर बैठे हैं। पंचायत सचिव संध अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर मंगलवार को शहर में दोपहर 12 बजे रैली निकालकर विधायक संगीता सिन्हा को ज्ञापन सोपेगे। जिससे जिले भर के पंचायत कार्यालयों में ताला लटका हुआ है।पंचायत सचिव संध के अध्यक्ष तिलकराम साहू व सचिव नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में शासकीयकरण करने का वादा किया था। मुख्यमंत्री द्वारा उनके निवास में पंचायत सचिवों के प्रतिनिधिमंडल से 24 जनवरी 2021 को पंचायत सचिवों का दिसंबर 2021 तक शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। पंचायत सचिव, शिक्षक सम्मेलन इंडोर स्टेडियम रायपुर में 29 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री ने मंच से पंचायत सचिवों का शासकीयकरण करने की घोषणा की थी।पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे ने 17 फरवरी 2023 को पंचायत सचिव संघ के 70 से अधिक प्रतिनिधिमंडल के समक्ष शासकीयकरण आगामी बजट में पूर्ण करने के लिए आश्वस्त किया गया था, परन्तु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 6 मार्च 2023 को प्रस्तुत बजट में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से 10568 पंचायत सचिव व उनके परिवार दुखी व आक्रोशित हैं।

 

पंचायत सचिवों ने कहा- इस बार आर-पार की लड़ाई

शासकीयकरण नहीं होने से नाराज पंचायत सचिवों ने कहा कि इस बार वे किसी आश्वासन में अपना आंदोलन खत्म करने वाले नहीं है। बल्कि वे इस बार शासन से आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। पंचायत सचिवों ने कहा कि शासकीयकरण की मांग उनका अधिकार है। 27 वर्षों से निरंतर शासन को सेवाएं प्रदान कर रहे पंचायत सचिवों को अब तक शासकीयकरण का दर्जा नहीं मिल पाना दुर्भाग्यजनक है।

अब तक नहीं हुई कार्यवाहक प्रभारी की नियुक्ति

पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से ग्राम पंचायतों में रूटीन के कामकाज ठप हो गया है। हालात यह है लगभग एक महीने से ग्राम पंचायतों में सचिवों की अनुपस्थिति में किसी भी तरह का कोई कामकाज नहीं हो रहा है। आश्चर्य है कि एक महीने से चल रहे सचिवों के आंदोलन के बाद भी प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों में कामकाज के संचालन के लिए अब तक कार्यवाहक या प्रभारी सचिवों की नियुक्ति नहीं की गई है। ग्राम पंचायत के सचिवों की हड़ताल से ग्रामीणों को पंचायत से जुड़े कार्यों को कराने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नामांतरण, बंटवारा, बाजार नीलामी आदि काम प्रभावित

सचिवों के हड़ताल से जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, नामांतरण बटवारा, बाजार नीलामी, 15 वे वित्त का भुगतान, निर्माण कार्यों का भुगतान, पेंशन प्रकरण सहित सभी तरह के प्रमाण पत्र एवं अन्य कई कार्य प्रभावित हो गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वे पंचायत सचिवों के हड़ताल के चलते बच्चों का प्रमाण पत्र भी प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं।

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