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भूमाफियाओं के शिकंजे में किसान…पिछले साल से अपनी जमीन वापस दिलाने लगा रहा गुहार…सरपंच से लेकर कलेक्टर दफ्तर के काट रहे चक्कर… बालोद जिले के इस गांव का मामला

बालोद-बालोद जिले में अवैध प्लाटिंग का कारोबार तेजी से फैला है तो वही इस कारोबार में कई भूमाफिया लाखो करोड़ो रूपये का वारा न्यारा भी कर चुके है लेकिन इससे न शासन को लाभ न ही जमीन लेने वाले आम लोगो को। भूमाफिया भोले भाले एक ग्रामीण को झांसे में लेकर जमीन हड़पने के मामले सामने आया हैं। जिले के गुरुर ब्लाक के ग्राम सनौद निवासी संतोष साहू पिछले 2 वर्षो से अपनी 10 एकड़ कृषि जमीन को वापस दिलाने के लिए सरपँच, तहसीलदार से लेकर कलेक्टर और जिले के सभी जनप्रतिनिधियों के पास जाकर गुहार लगाई है लेकिन अब तक न्याय के लिए दर दर भटक रहा जमीन मालिक। जमीन मालिक ने जमीन दलालों से जमीन वापस दिलाने के लिए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को भी पत्र प्रेषित किया गया हैं।

2 वर्षों से राष्ट्रपति से लेकर जिले के अधिकारियों , जनप्रतिनिधियो व ग्राम का सरपंच को कई बार दे चुके है शिकायत

संतोष साहू ने बताया कि 4 से 5 वर्ष से जमीन दलालों ने मिलकर मेरी 10 एकड़ की खेती की जमीन हड़प लिया है। जमीन को वापस पाने के लिए मैं 2 वर्षों से राष्ट्रपति से लेकर जिले के अधिकारियों , जनप्रतिनिधियो व ग्राम का सरपंच को कई बार शिकायत कर चुका हू एवं ग्राम में बैठक भी हो चुका है। इसके बाद भी पत्र व मुलाकात के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही हैं।क्या गरीब किसानों को अपने अधिकार पाने, जमीन वापस पाने का कोई अधिकार नहीं है. सभी अधिकारी, कर्मचारी जानते हैं कि धोखाधड़ी से जमीन को हड़प लिया गया है परंतु उनका कहना है कि हम पैसा और पेपर (कागजात) के आधार पर फैसला करते हैं।

दलालों को राजनीतिक दलों, पूंजीपतियों, अधिकारियों का समर्थन

संतोष साहू ने बताया कि प्रमुख राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियो से संपर्क किया पर पूंजीपतियों व राजनीतिक दबाव के कारण कार्यवाही नहीं हो पाया हैं क्योंकि इन दलालों को राजनीतिक दलों, पूंजीपतियों, अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है व इससे जुड़े हुए हैं।ग्राम के वरिष्ठ नागरिक व कुछ महिलाओं, पूर्व जनपद सदस्य व वरिष्ठ सामाजिक पदाधिकारी मिलकर कृषि दवाई दुकान की आड़ लेकर माध्यम बनाकर किसानों की जमीन को गिरवी रखकर व्याज पर ब्याज बनाकर साजिश के द्वारा जमीन हड़पने का कार्य कर रहे हैं।भोले भाले किसान इनके जाल में फसकर जमीन, घर, जेवरात भी गंवा चुके हैं। इनके बाद भी दलालों का ब्याज का कारोबार फलफूल रहा है बहुत से किसान आत्महत्या भी कर चुके हैं। आये दिन इस तरह से किसानों को दबाव बनाकर प्रताड़ित करने की घटना आये दिन हो रही है।

मेरे जमीन को इन दलालों ने किया कब्जा

संतोष साहू ने बताया कि मेरी जमीन को प्रमुख दलाल तेजराम साहू पलारी, साकेत चतुर्वेदी पलारी, हेमलाल साहू पलारी व इनके सहयोगी, आनंद राम साहू पलारी, पोषण साहू पलारी, सुमेर बजारे पलारी, यूनिल साहू पलारी, सुखदेव साहू आमदी (पुलिस विभाग में कार्यरत), प्रीतम लाल साहू अरकार (कुकरेल), दूरदेशी राम साहू सनौद, लेखराम साहू सनौद, गुहाराम साहू सनौद,कुबेर पटेल, जोहरित पटेल, भगत पटेल व उसके परिवार के रेखराम सोन कलिहारी, लीलाराम सोनवेर, हरबन साहू व ग्राम के कुछ पुरुष व महिलाओं द्वारा मिलकर फर्जी जमीन का कागजात, पेपर बनाकर व्यापारियों से मिल कर जमीन हड़प लिया गया है।

व्यापारियों का नाम-

आनंद राम ,अवधराम, उत्तम साहू, श्रीमती चंदिका साहू सभी तर्राघाटन पाटन, सोहन राठी आमदी धमतरी, धनराज टावरी धनराज ट्रेडर्स, गुरूर, पवन अग्रवाल धमतरी, सुखदेव राम साहू आमदी. डॉ प्रीतम साहू आमदी / अस्कार। इनके अलावा छ.ग. और हमारे आसपास अन्य व्यापारियों का समूह, दलालों का समूह हर जगह सक्रिय होकर किसानों की जमीन को हड़प रहे है एवं किसान आत्महत्या भी कर रहे हैं।

 

जमीन के कागजात व्यापारियों और दलालों के कब्जे में

संतोष साहू ने बताया कि अगर कानून की मदद लेता हूँ तो मेरे पास पैसा नहीं है, उसे मेरा है जमीन है कानून द्वारा प्रमाणित करने या सिद्ध करने में सालों साल लग सकता है। पीढ़ी दर पीढ़ी कानून की लड़ाई चलती रहती है। उनके पास पैसा है. पावर है, राजनीतिक दबाव है. पूंजीपतियों के साथ, असामाजिक तत्व गुंडागर्दी, हथियारों का साधन उपलब्ध है। कभी भी किसानों के साथ कुछ भी घटना कर सकते हैं। कानून की लडाईया में मदद मांगता हूं तो यह भी निश्चित नहीं है कि मेरा ज़मीन वापस आ जाए क्योंकि जमीन व्यापारियों और दलालों के कब्जे में है जमीन के कागजात उसके पास हैं। जमीन मालिक ने जमीन दलालों से जमीन वापस दिलाने के लिए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को भी पत्र प्रेषित कर गुहार लगाई हैं।

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