प्रदेश रूचि

बड़ी खबर :- NH30 में भीषण सड़क हादसा,दुर्घटना में 4 लोगो की हुई मौतदेखिए कलेक्टर साहब बालोद आरटीओ की मेहरबानी से अनफिट बसों की बढ़ी रफ्तार… इधर बालोद परिवहन संघ ने भी सांसद के पास रख दी अपनी मांगकुसुमकसा समिति प्रबंधन ने निकाला था फरमान: 50% बारदाना किसानों को लाना होगा, विरोध में जनपद सदस्य संजय बैस आए सामने, प्रबंधन ने फैसला लिया वापसस्वच्छता दीदीयो द्वारा धरना प्रदर्शन कर अंतिम दिन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापनउप मुख्यमंत्री अरुण साव ने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ केक काटकर अपने जन्मदिन की शुरुआत की..वही बालोद जिले के भाजपा नेताओ ने भी लोरमी पहुंचकर दिए बधाई


*बहुचर्चित मामले में डॉ शिखर गुप्ता को नहीं मिली जमानत,,,न्यायालय ने पुलिस विभाग विवेचक के कार्यप्रणाली जांच पर भी की गंभीर टिप्पणी ,,,क्या मामला..पढ़े पूरी खबर प्रदेशरूचि पर*

बालोद— जिला एवं प्रदेश का बहुचर्चित दैहिक शोषण मामला संजीवनी अस्पताल के संचालक आरोपी डॉ शिखर गुप्ता के मामले पर बालोद जिला सत्र न्यायालय ने जमानत देने से नामंजूर कर दिया है जहां अब डॉ शिखर गुप्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा बालोद जिला माननीय न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज करते हुए यह स्पष्ट तौर पर लिखा है कि आरोपी पेशे से चिकित्सक है तथा चिकित्सक का दायित्व अपने रोगी को समुचित चिकित्सा देना है तथा चिकित्सक के व्यवसाय को समाज ईश्वर तुल्य माना गया है किंतु प्रकरण में संलग्न सभी दस्तावेज ऐसे प्रतीत होते हैं कि आरोपी द्वारा अपने ही मरीज के साथ इलाज के बहाने अकेलेपन का फायदा उठाकर शारीरिक संबंध स्थापित किया गया है जो बहुत आपत्तिजनक है इसी कारण उनका जो है जमानत याचिका खारिज किया जाता है वही मामले में न्यायालय ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा दिया है न्यायालय ने पुलिस पर गंभीर टिप्पणी की है न्यायालय ने कहा कि विवेचक द्वारा तत्परता से अनुसंधान पूर्ण कर प्रथम सूचना रिपोर्ट जो 29-12-2022 से एक सप्ताह के भीतर दिनाक 5-1-2023 को आरोपी के विरुद्ध धारा 376/2 (ढं) (ड) धारा 354,( ग) के अपराध में विचारण के लिए अभियोग पत्र प्रस्तुत कर दिया इस बात को लेकर पुलिस विभाग की जमकर की किरकिरी हो रही है कि 1 सप्ताह के भीतर संपूर्ण दस्तावेज और चालान कैसे प्रस्तुत कर दिया गया जबकि पुलिस ऐसे गंभीर मामलों में थोड़ा समय लेकर चालान प्रस्तुत करती हैं कुछ लोगों का कहना है कि इस पूरे मामले पर लीपापोती की जा रही है जहां अगर कोई गरीब व्यक्ति का मामला होता उसका चालान पेश करने का पूरा समय लेती पुलिस लेकिन आरोपी डॉ शिखर गुप्ता के मामले में 1 सप्ताह के भीतर चालान पेश करने के मामले पर भी न्यायालय ने अब पुलिस विभाग पर टिप्पणी कर दी है अब देखना होगा कि हाईकोर्ट इस पूरे मामले पर क्या टिप्पणी देती है क्योंकि मामले को अब एडवोकेट ऑफ जर्नल के पास भी रखा जा रहा है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!