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*छत्तीसगढ़ की झांकी दिल्ली परेड में शामिल नहीं होने के मामले में पीसीसी अध्यक्ष का बड़ा बयान, इसे बताया राज्य का अपमान…प्रदेशरूचि ने मामले पर की थी खबर प्रकाशित.क्या है मामला..पढ़े पूरी खबर*

रायपुर। छत्तीसगढ़ की झांकी इस बार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस में दिल्ली लालकिला के परेड में शामिल नही किये जाने की खबर आज सुबह ही प्रदेशरूचि ने प्रकाशित की थी जिसके बाद इस मामले पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का बड़ा बयान सामने आया है पूरे मामले में पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और उसी चरण में गणतंत्र दिवस को होने वाले परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी को शामिल नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ की झांकी नही शामिल करने पर मोदी सरकार का दोहरा रवैय्या सामने आया है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ की झांकी गौण अन्न से उत्पादित वस्तुओ और छत्तीसगढ़ के मिलेट मिशन के आधार पर बनाई गयी। जबकि केन्द्र इस वर्ष खुद मिलेट वर्ष मना रही है। छत्तीसगढ़ सरकार गौण अन्न पर जो बेहतर काम कर रही वह देश दुनिया के सामने नहीं आ पाये इसलिये झांकी को ही नही शामिल होने दिया। कांग्रेस सरकार के प्रति दुर्भावना के कारण छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति की झलक इस बार राजपथ पर दिखाई नहीं देगी। इस प्रकार की हरकत मोदी सरकार द्वारा पहली बार नहीं की गई है, कांग्रेस सरकार द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्ययोजनाओं और छत्तीसगढ़ मॉडल की ख्याति देखकर कुंठाग्रस्त मोदी सरकार लगातार छत्तीसगढ़ के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया बनाए हुए है। मोदी सरकार बार-बार संघी ढांचे पर प्रहार कर भूपेश सरकार के कामों में अड़चन डालने का प्रयास करती रही है।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा की जब भूपेश सरकार ने किसानों को 2500 रु समर्थन मूल्य देने की बात कही तब मोदी सरकार ने सेंट्रल पूल में चावल लेने से मना कर दिया, धान खरीदी के समय केंद्र सरकार बारदाने की आपूर्ति रोक देती है, मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के हक़ के जीएसटी छतिपूर्ति और कोयला रायल्टी जैसे विभिन्न मदों के 55000 करोड रुपए दबा कर बैठी हुई है, हाल ही में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के गरीबों के लिए बनने वाले पीएम आवास के फंड को ही रद्द कर दिया। हाल ही में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के कर्मचारीयों-अधिकारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा की तो मोदी सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ के कर्मचारीयों-अधिकारियों के हक़ का जमा पैसा भी लौटाने से मना कर दिया। मोदी सरकार की अनगिनत अड़चनों के बावजूद भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ की जनता के लिए अटल रहकर काम कर रही है। मोदी सरकार की ओछी हरकतें उनकी घटिया मानसिकता को दिखाती है।

 

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