रायपुर, गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांकी नहीं दिखेगी। इस बार छत्तीसगढ़ ने “मिलेट मिशन” पर झांकी राजपथ पर उतारने की तैयारी की थी, लेकिन छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन नहीं हो सका। झांकी के चयन नहीं होने पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, मिलेट मिशन को झांकी तैयार की जा रही थी, पूरी उम्मीद थी कि इस झांकी का चयन गणतंत्र दिवस पर किया जायेगा, लेकिन चयन नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि झांकी का चयन किस वजह से नहीं किया गया, वो जानकारी नहीं दी गयी है, लेकिन चयन नहीं होना छत्तीसगढ़ के लिए निराशानजक बातें हैं। उन्होंने इसे लेकर केंद्र को भी आड़े हाथों लिया। अमरजीत भगत ने कहा कि ये उनकी मानसिकता दर्शाती है कि किस तरह का भेदभाव किया जा रहा है।
बता दें कि 26 जनवरी को राजपथ में “मिलेट मिशन” पर आधारित झांकी निकाली जानी थी। सेंट्रल जोन में छत्तीसगढ़ है। 1 जोन से 2 राज्यो का चयन होना था। सेंट्रल जोन में यूपी, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल है। लेकिन, छत्तीसगढ़ का चयन नहीं हो सका। आपको बता दें कि हर साल छत्तीसगढ़ की सभ्यता को लेकर बनाई झांकी राजपथ में नजर आती थी।
ये रिजेक्शन भी ऐसे समय पर हुआ है जब खुद देश के प्रधानमंत्री अपनी पूरी कैबिनेट और सांसदों के साथ मिलेट प्रोडक्ट से बना लंच कर मिलेट मिशन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।
इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपनी पूरी कैबिनेट के साथ विधानसभा सत्र के दौरान मिलेट लंच कर इसे प्रसारित कर रहे हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ से इस मिशन पर बनाई गई झांकी का रिजेक्ट होना सियासी सूरमाओं को खटक रहा है।
क्या है क्राइटेरिया?
राज्यों की झांकियों की मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय में सेलेक्शन कमेटी है। तीन स्तर पर जांच होती है। राष्ट्रीय एकता, अंतरराष्ट्रीय स्तर की ब्रांडिंग और मनोहारी दृश्यों वाली झांकियों को ज्यादा महत्व दिया जाता है।