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*शासकीय कर्मचारियों के बाद अब राज्यसरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन…पूरे प्रदेश के शासकीय कार्यालयों के साथ ग्रामीण विकास पर भी पड़ सकता है इसका असर…आंदोलन को लेकर सौंपे आज ये ज्ञापन*

बालोद-प्रदेश के कर्मचारियों के साथ ही अब सरपंच संघ ने भी राज्य शासन के खिलाफ आंदोलन करने का शंखनाद कर दिया है। बालोद ब्लाक के सरपँच संध के अध्यक्ष अरुण साहू के नेतृत्व में जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ को ज्ञापन सौपा। सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने 25 अगस्त से काम बंद कलम बंद हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। उनकी प्रमुख मांगों में 20 हजार रुपए मानदेय देने, 10 लाख रुपए सरपंच निधि देने के साथ ही कोरोना काल के दो साल के कार्यकाल को आगे बढ़ाने जैसी मांगें शामिल हैं।राज्य भर के शासकीय कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते आंदोलन के तीसरे दिन सरकारी दफ्तरों में खासा असर दिखा। रजिस्ट्री ऑफिस,आरटीओ ऑफिस सहित दर्जन भर से अधिकारी दफ्तरों में तालेबंदी की स्थिति रही। वहीं कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में आम लोगों को भटकना पड़ा। इधर, अब सरपंच संघ ने भी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ काम बंद कलम बंद आंदोलन का ऐलान कर दिया हैं।

जिले के 435 ग्राम पंचायतों के सरपँच रहेंगे हड़ताल पर

 

मानदेय, पेंशन, कार्य एजेंसी, सरपंच निधि, 15वां वित्त आयोग अनुदान राशि सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले की 435 ग्राम पंचायतों के सरपंच काम बंद-कलम बंद कर हड़ताल पर रहेंगे। पंचायत स्तर से जुड़े किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। सभी जनपद पंचायत मुख्यालय स्तर पर 25 अगस्त से धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर शासन, प्रशासन को ध्यानाकर्षण कराएंगे। इसके पहले हर ब्लॉक के पदाधिकारी एसडीएम को पत्र सौंपकर हड़ताल, धरना-प्रदर्शन की सूचना देंगे।मंगलवार को सरपंच संघ बालोद व डौंडी संघ के पदाधिकारियों ने एसडीएम को काम बंद, कलम बंद कर हड़ताल में जाने के संबंध में पत्र सौंपा। डौंडी संघ के पदाधिकारियों ने पत्र में उल्लेख किया है कि 25 अगस्त से जनपद पंचायत प्रांगण में धरना पर बैठेंगे। सरपंचों की मांग है कि 50 लाख रुपए तक के सभी कार्यों के लिए एजेंसी पंचायत को बनाया जाना चाहिए।

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