बालोद-पीएसीएल के निवेशकों का पैसा वापस देने की मांग को लेकर आल इन्वेस्टर सेफ्टी आर्गेनाइजेशन सगठन के पदाधिकारियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेक्ट पहुचकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व आरएम लोढ़ा कमेटी के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौपते हुए निवेशकों को जल्द ही राशि की वापसी नही की जाती तो उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दिया हैं।प्रदेश अध्यक्ष नरेश सगरवंशी ने बताया कि पर्ल्स ग्रुप ऑफ कम्पनी भारत सरकार से मान्यता प्राप्त कर 1983 में अपनी योजनाएँ चला रही थी। इसी क्रम में पी.ए.सी.एल लिमिटेड से रियल इस्टेट (भूमि में निवेश) कि योजना चला रहा था। सरकार कि केन्द्रिय जाँच एजेन्सी, आडिट लाइसेंस की नवीनीकरण करता रहा, आयकर विभाग नियमतः टैक्स लेता रहा, यहाँ तक कि 2013 तक सर्वोच्च न्याय पालिका निर्देशानुसार कम्पनी के कार्यप्रणाली में कोई दोष साबित नही कर पाई। परन्तु 22 अगस्त 2014 का ऐसा क्या हो गया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कम्पनी के योजनाओ को अवैध मानकर कारोबार बंद कर सारे बैंक खाते एवं सम्पत्तियों को जब्त कर लिया जिससे निवेशको का पैसा मिलना बंद हो गया।
बालोद जिले के 80 हजार निवेशकों का 100 करोड़ रुपये का अब तक नही हुआ वापसी
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सेबी रिपोर्ट अनुसार देश के 5.85 करोड़ निवेशकों का 49100 करोड़ | रुपये है जिसमें बालोद जिला के लगभग 80 हजार (खातों) निवेशकों का 100 करोड़, एवं पूरे छ.ग. से लगभग 10 लाख निवेशकों का 1000 करोड़ रुपये शामिल है। कम्पनी अपने पक्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील कि जहाँ मामला कोर्ट के निगरानी में है। ऑल इनवेस्टर सेफ्टी आर्गेनाइजेशन संगठन एक जन कल्याणकारी राष्ट्रीय पंजीकृत संस्था है। जिसके द्वारा भी निवेशकों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा गया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए 2 फरवरी 2016 को भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर. एम. लोढा कि अध्यक्षता में समिति गठित कर सम्पत्तियों को निलाम कर निवेशकों का पैसा 6 माह के अन्दर वापस करने का फैसला सुनाया लेकिन आज 6 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निवेशकों का पैसा वापसी नही हो पाया है। और कुछ लोगो कि रकम वापसी हुई है। जिसमें भी त्रुटि है, जिसके कारण ए.आई.एस.ओ. संगठन क्षेत्रीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अनेको धरना प्रदर्शन कर राज्य सरकार केन्द्र सरकार तथा संबंधित विभाग को ज्ञापन दिये गये। लेकिन कुछ भी नही हुआ।
केंद्र की संस्था सेबी पिछले 6 वर्षों में निवेशकों का धन वापसी करने में रही असर्मथ
जिलाध्यक्ष सेवकराम पटेल ने बताया कि पी.ए.सी.एल. (PACL) मामले में लोढ़ा कमेटी कि कार्यप्रणाली पूर्ण रूप से सेबी द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो केन्द्र सरकार कि एजेन्सी है। इसके समाधान के लिए भारत भर के विधायकों एवं सांसदों को भी ज्ञापन दिया गया लेकिन आज तक उनके द्वारा निवेशकों के हित में कोई कदम नही उठाया गया जबकि केन्द्रीय जाँच एजेन्सी (सीबीआई) कि रिपोर्ट अनुसार कम्पनी कि जब्त सम्पत्तियाँ देनदारी से लगभग चार गुना अधिक है। वहीं छ.ग. मे 529 एकड़ जमीन एवं रायगढ़ और रायपुर का कार्यालय बिल्डिंग सम्पत्ति के तौर पर है। कम्पनी की पूरे देश में पर्याप्त सम्पत्तियाँ होने के बावजूद केन्द्र कि संस्था सेबी पिछले 6 वर्षो में निवेशकों का धन वापसी करने में असमर्थ रही । सुप्रीम कोर्ट का आदेश एवं निवेशकों के द्वारा लगातार प्रदर्शन के बाद भी केन्द्र सरकार एवं सेबी द्वारा पहल करना तो दूर और भी समस्याएँ पैदा कर दी गई है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने कई बार लगाई गुहार लेकिन नही मिला समय
जिलाध्यक्ष ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जो कार्यवाही पी.ए.सी.एल. निवेशको के लिये किया जा रहा है उससे पैसा मिलना संभव नही है बार-बार संगठन द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करने समय मांगा जा रहा है लेकिन आज तक समय नही दिया। जिससे निवेशकों में आक्रोश व्याप्त हैं। आगे जल्द से जल्द धन वापसी संबंधित निपटारा न होने की स्थिति में इससे बड़ा और उग्र आंदोलन किया जायेगा। ज्ञापन सौपने के दौरान मुख्यरूप से ए.आई.एस.ओ. के प्रदेश अध्यक्ष नरेश सागरवशि, प्रदेश कोर कमेटी पदाधिकारीगण एच.के. देशमुख, जिलाध्यक्ष सेवकराम् पटेल, यादराम साहू, निलेश पटेल, ठाकुर राम साहू, राजकुमार साहू, राजू देवांगन, ब्लाक अध्यक्ष भीष्मपिता साहू, गुरुर ब्लाक, गुण्डरदेही ब्लाक लोकेश सिन्हा, डौंडी लोहारा ब्लाक दाऊलाल निषाद, एवं सैकड़ो क संख्या में निवेशक उपस्थित शामिल रहे।