रविवार सोमवार की रात्रि में लगभग 12-13 हाथियों का दल मालगांव जंगल से जलाशय के उलट छोर जलाशय में लबालब भरे पानी से होते हुए खलारी की ओर ग्राम सल्हाइटोला के कृषकों के खेतों में फसलों को रौंदते हुए ग्राम के अंदर से होते हुए जंगल मे जा पहुंचे हाथियों ने शंकरलाल आरदे ,धुनितराम गोटा, राजाराम,उमाकांत साहू,दिनदास साहू, रेवा साहू ,हलधर साहू,बबलू यादव ,संतराम सहित अन्य कृषकों के खेतों में फसलों को रौंदते चले गए जिससे इन किसानों की फसल रौंदने के कारण खराब हो गयी है ,कृषकों ने बताया कि हाथियों के भारीभरकम बड़े बड़े पांव जमीन में धँसते गए है ,
ग्राम सल्हाइटोला के कृषक दिनदास साहू ने रात्रि लगभग 12 बजे साछात मौत को हाथी के रूप में देखने से रूह कांप गयी थी , दिनदास साहू ने बताया कि रात्रि लगभग 12 बजे कुत्तों के लगातार भौकने की आवाज के कारण नींद खुल गयी व कुत्तो के भौकने की आवाज बाड़ी की ओर से आने के कारण लकड़ी लेकर घर से बाहर निकला कि अपने से कुछ दूरी पर ही विशालकाय हाथी को देखते ही सिटीपिट्टी गुम हो गयी व तत्काल घर के अंदर जाकर कमरे में सो रहे बेटे को आवाज दी तो बेटा जागा तो उसके कमरे में जाकर बाहर हाथी आने की बात कहते हुए सभी चुपचाप कमरे मि दुबक गए ,हाथी ने केले के पेड़ को तोड़ते हुए बॉडी में रखे सीमेंट की शीट को भी तोड़ दिए व घर के आंगन में रखे मूंग की बोरी को खींच कर ले गए व मूंग को खाते खाते बोरी को धनीराम के बाड़ी तक ले गए ,गिरी हुई मूंग भी पूरी खराब हो गयी
धनीराम आरदे के घर के पीछे बाडी में हाथियों ने केला,गन्ना की फसल को तहस नहस कर दिया ,रात्रि में लगभग 11.30 बजे कुतो के लगातार भौंकने की आवाज के कारण नींद खुलने पर घर के ऊपर से बाड़ी की ओर की लाइट चालू करने से दो हाथियों को बाड़ी में फसल को नुकसान करते पूर्णिमा आरदे ने देखा तो ,रत्नी आरदे, रविन्द्र गोंड ,शंकरलाल आरदे ने बताया कि हमने तीन हाथियों को देखा जिसमे एक छोटा था ,सल्हाइटोला सहित समीपस्थ ग्रामीण अंचलों में धान का रोपा लगाने व बियासी करने का काम भी जोरशोर से चल रहा है ग्रामीण चार बजट ही खेत का काम जल्द से निपटाते हुए अपने घरों की ओर कूँच करते नजर आए
मिली जानकारी के अनुसार तांदुला जलाशय में मछली का ठेका लेने वाले कर्मचारियों ने जलाशय के उलट के नजदीक मालगांव जंगल के समीप झोपड़ी में रात्रि को चौकीदारी कर रहे थे कि लगभग 11 बजे पानी मे चलने की आवाज आने पर टार्च जलाकर उस ओर देखे तो हाथी पानी से होते हुए सल्हाइटोला की ओर जा रहे थे ,जिसमे लगभग 13 हाथी क्रमशः चलते नजर आए ,मालगांव की ओर लगभग 23-24 हाथियों का दल था ,बाकी के हाथी कहां है तो वही वन विभाग के अधिकारी सभी हाथियों के एकसाथ होने की बात कह रहे है
गौरतलब है कि हाथियों का दल पूर्व में भी मालगांव के जंगलों से होता हुआ ग्राम सल्हाइटोला के जंगल खलारी बिट के पी एफ क्रमांक 255-256 में डेरा जमाए थे जहां हाथी का एक बच्चा चोटिल होकर खेत मे गिर गया था जिसका उपचार पशु चिकित्सा विभाग द्वारा किया गया था तदसमय वह विभाग के वनमण्डलाधिकारी वन संरक्षक सहित आला अधिकारी चोटिल हाथी को देखने पहुंचे थे ,चोटिल हाथी के बच्चे को छोड़कर हाथियों का दल चला गया था ,तो वही चोटिल हाथी के बच्चे की मौत दुर्घटना के लगभग एक माह बाद ग्राम कोकान — पददेटोला के बीच मे खेत मे हो गया था
रोहित चौधरी सहायक वन परिछेत्र अधिकारी कुसुमकसा ने बताया कि खलारी बीट के पी एफ क्रमांक 255-256 में लगभग 23-24 हाथियों ने डेरा जमाया है हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर सल्हाइटोला – खलारी सहित समीपस्थ ग्रामीण अंचलों में मुनादी करा दी गयी है कि जंगलो की ओर कोई ना जाये ,जंगल के नजदीक खेतो में भी ग्रामीण कृषकों को ना जाने की सलाह दी है ,