बालोद – बूढ़ादेव यात्रा बालोद जिले के 671 गांव का सफर पूर्ण कर चुका है। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के जिला संयोजक शशिभूषण चंद्राकर ने बताया कि बालोद, डौंडी, दल्ली, लोहारा, गुरुर, गुंडरदेही से रथ अर्जुन्दा ब्लॉक के 671 गांवों में रथ पहुँचीं। सेनानियों ने हर गांव के मंदिरों से एक चुटकी माटी लेकर कलश में रखा। जिसे आज प्रदेश के रथ में श्रद्धा पूर्वक भेजा गया है। कुछ गांव बचे हैं वह 24 घंटे में पूर्ण कर लिया जाएगा। प्रदेश रथ को रवाना कर दिया गया है। आज शाम को दुर्ग में रथ का स्वागत होगा। 17 अप्रैल को रात में जिले की दोनों बूढ़ादेव रथ रायपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। पदाधिकारी और प्रमुख सेनानी रात को बालोद से निकलेंगे और रायपुर में रात रुकेंगे। इसके बाद 18 अप्रैल को सुबह 8 बजे से बूढ़ादेव की शोभायात्रा निकलेगी।
26 दिनों तक बाहर रहे बूढ़ादेव के सेवक, रास्ते मे ही ठहरे रहे
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के देवेंद्र साहू बताते हैं कि 26 दिनों का तप आसान नहीं रहा है। रथ संचालक चंद्रभान साहू, टेकराम साहू, सुभाष साहू, राजू साहू, दानी साहू, इमेश साहू, भगवान दास, केदार साहू, प्रकाश निषाद, सोमेश निषाद, दीपक सहारे, कमलेश साहू, शिव पटेल, झम्मन हिरवानी, ललित कांवरे, दुलार सिंह, लक्की देवांगन, सिकंदर सोनवानी, दीपक यादव, करण निषाद, राजू सिन्हा, डीलेद्रा साहू, राजा साहू, नमन कोसमा, तामेश्वर ठाकुर, शेखर कौशिक के नेतृत्व वाली टीम में 500 से अधिक सेनानी शामिल रहे। जो गांव-गांव जाकर व्यवस्था बनाते रहे। जहां रात हुआ वहीं सेनानी रात ठहरते रहें। तपती गर्मी में बड़ी चुनौती को पूर्ण किया।
हर गांव के छत्तीसगढ़िया समाज आगे आकर कार्यक्रम में शामिल हुए
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के सचिव डी देशमुख ने बताया कि गांव-गांव में छत्तीसगढ़िया समाज जाग रहा है। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना सर्व छत्तीसगढ़िया समाज को एकजुट करते चल रहा है। बूढ़ादेव रथयात्रा इसकी साक्षी है कि गांव के लोगों ने स्वयं आगे आकर अपने देवता को मना कर गांव में ले गए। पूरे आदर सत्कार के साथ विदा भी किया। आज रथ में अनेक देवी-देवताओं की शक्ति है जिसे बूढ़ातालाब रायपुर में स्थापित किया जाएगा।
15 हजार लोग बालोद जिले से होंगे शामिल, गांव-गांव में चल रही तैयारी
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के जिला सह संयोजक चंद्रभान साहू ने बताया कि गुरुर से लेकर डौंडी तक और देवरी से लेकर बालोद तक हर गांव में बूढ़ादेव यात्रा में शामिल होने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। हर गांव से लोग रायपुर महाआयोजन में शामिल होंगे। रायपुर में पूरे छत्तीसगढ़ से 10 लाख लोग 18 अप्रैल को पहुंचेगे। जिसमें करीब 15 हजार की संख्या में बालोद के लोग शामिल होंगे। रायपुर में प्रमुख सात अलग-अलग मार्गों से रथ प्रवेश करेगा। जिसके साथ पंथी, सुवा, कर्मा, बस्तरिया नृत्य, गेंड़ी नृत्य और अन्य झांकियां साथ चलेगी।