विधायक के हस्तक्षेप के बाद उड़िया कैप के लोगो को रेलवे ने दिया 3 दिन का समय
इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में आरपीएफ और रेलवे पुलिस तैनात है। वही रेलवे के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। इस अभियान के तहत 30 से अधिक मकानों को तोड़ा जाएंगा। इसके साथ ही दुकानों को तोड़ा गया। घरों को तोड़ने पहुंचे अमले को वार्ड वासियों ने रोका, स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा ने फोन से कलेक्टर से इस सबंध में चर्चा किया जिसके बाद प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद रेलवे ने 3 दिन का समय दिया है। उड़िया कैप के रहवासी खुद से अब जमीन खाली करेंगे।
2 अप्रैल को रेल्वे के अधिकारी ने उड़िया कैप के लोगो को कार्यवाही की जानकारी देकर जगह खाली करने दी थी समझाइस
पाररास रेल्वे फाटक स्थित रेल्वे की जमीन पर लोग अतिक्रमण कर सालों से रह रहे थे। यहां लोगों ने मकान बना कर निवास कर रहे थे।वही कुछ सड़क के किनारे दुकान भी बनाए थे । रेल्वे के अधिकारियों ने पिछले माह निरीक्षण किया था। उस दौरान रेलवे जमीन पर बड़ी संख्या में अतिक्रमण की बात सामने आई थी। तभी से यह कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। फरवरी में अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया गया। इसके बाद भी सामान नहीं हटाने पर टीम पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार 02 अप्रेल को भी रेलवे अधिकारियों ने कार्रवाई की जानकारी देकर जगह खाली करने की समझाइश दी थी। सुबह नौ बजे से रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और धरो को बुलडोजर से तोड़ा गया।
सोमवार को उड़िया कैप के रहवासियों ने कलेक्टर को सौपे थे ज्ञापन
सोमवार को उड़िया कैप के रहवासियों ने कलेक्टोरेट पहुचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर पुर्नव्यस्थापन होने तक रेलवे जमीन से नही हटाने की गुहार लगाई थी। जिसके कारण वर्षों से निवासरत लोगों को मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। अपने स्थायित्व, बच्चोंं व परिवार के भविष्य को लेकर चिंता सताते रहती है। उड़िया कैप में रहवासियों द्वारा कलेक्टर को सौपे गए ज्ञापन में बताया गया कि नगर पालिका सीमा क्षेत्र वार्ड 19 रेल्वे जमीन पर तीस परिवार झुग्गी झोपड़ी कच्ची मकान बनाकर निवास कर रहे हैं। हम लोग दादा परदादा के समय से रह रहे हैं और हम लोग गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले गरीब मजदूर है। हमारे छोटे छोटे बच्चे हैं। हमारी इतनी हैसीयत नहीं है कि हम लोग जमीन खरीद कर मकान बना सकें।