बालोद- वन कर्मचारी संघ के बैनर तले वन कर्मी सोमवार से अनिश्चितकालीन हडताल पर चले गये है, इधर गुरुर परिक्षेत्र के जंगली भेजा में हाथी प्रभावित क्षेत्र में फिर से हाथियों का दल पहुंच गया है, जिससे ग्रामीण भयभीत है और हाथियों पर निगरानी के लिए कोई विभागीय अमला क्षेत्र में मौजूद नहीं है। ऐसे में ग्रामीण अपने हाल में ही हाथियों से सुरक्षित रहने की जुगत में है। वहीं जंगलों में आग लग रही हैं परन्तु बुझाने वाला कोई नहीं है।जानकारी के अनुसार जिले के गुरुर वन परिक्षेत्र में आये दिन हाथियों का दल पहुँचता रहता है। हाल में ही हाथी का दल वन परिक्षेत्र जंगली भेजा के सीमावर्ती क्षेत्र में भ्रमण करने के बाद डोंडी वन मण्डल क्षेत्र में प्रवेश कर गया हैं। हाथी घर और फसलों को बेतहाशा नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी ओर वन विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसके कारण वन कार्यालय और जंगलों का कामकाज ठप हो गया है। वहीं वन विभाग कर्मचारियों का कहना है कि प्रांतीय आह्वान पर वे सब धरने में बैठे हुए हैं।जब तक उनकी 12 सूत्री मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि हम सब 12 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। जिसमें वनरक्षक का वेतनमान वर्ष 2003 से 3050 स्वीकृत किया जाए. वनरक्षक वनपाल उपवन क्षेत्रपाल कर्मचारियों का वेतन मांग अनुसार किया जाए। पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद नया सेट पुनरीक्षण किया जाए। महाराष्ट्र सरकार की तरह 6000 रुपए पौष्टिक आहार वर्दी भत्ता इत्यादि दिया जाए।इसके साथ ही अन्य प्रमुख मांगें शामिल हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष कृष्णापुरी गोस्वामी, संगठन मंत्री डामन ठाकुर, अजय अस्टिकर,वासुदेव गंधर्व, गजेंद्र जोशी, महेश साहू, अमिता भुआर्य, खेमचंद साहू, हीरामन रावटे, ढालसिंह देशमुख, श्यामलाल डडसेना एवं ब्लॉक अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहें।
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- इधर हाथियों का आतंक तो उधर वन अमला का आंदोलन जारी.. मांगे पूरी नही होने तक जारी रहेगा आंदोलन..वही ग्रामीणो में हाथियों को लेकर दहशत का माहौल