बालोद/ डोण्डी- गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी की प्रतिमा को तोड़े जाने से गोंगपा सहित गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ब्लॉक डौंडी में आक्रोश व्याप्त 22 फरवरी को पूरे देश में धरना प्रदर्शन कर आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग पर गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन बालोद जिलाध्यक्ष सुनील कोरेटी के निर्देशन में ब्लॉक डोण्डी गौडवाना स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चमन पडोदि, सचिव पवन गोटा, कोषाध्यक्ष राधिका,उपाध्यक्ष चेतन कुरेटि, सहित विष्णु कौडों,टोकेश ,चंद्र प्रकाश,प्रेमलाल सहित अन्य
पदाधिकारी द्वारा आज डोण्डी तहसील कार्यालय में पहुँच कर राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन तहसील दार को सौंपे।ज्ञापन में बताया कि गोडवाना समग्र विकास आंदोलन के बैनर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अपने समस्त संबंधित संगठन गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन , गोजपा युवा मोर्चा गोडवाना मातृशक्ति संघ , गोंडवाना महासभा के साथ उपरोक्त अंकित विषय पर प्रदर्शन कर निम्नांकित मांगों के संबंध में सहामहिम जी के नाम ज्ञापन सौंपा गया और यथाशीघ्र कार्यवाही का मांग करते हैं ।
न्याय के अभाव में आगामी 28 02-2022 को घटना स्थल गुरसियां में लाखों के संख्या में जंगी प्रदर्शन किया जायेगा । गौरतलब है कि पूज्यनीय दादा हीरासिंह मरकाम न केवल सामाजिक व्यक्ति रहे हैं बल्कि देश के मूलनिवासी समाज को दिशा और दशा के सामाजिक , आर्थिक , शैक्षणिक , आध्यात्मिक तथा राजनैतिक दृष्टि से भी चिंतक और मार्गदर्शक रहे हैं 80 के दशक से पूर्व दादा सरकाम जब शिक्षक रहे हैं तब भी उनके द्वारा पढ़ाये और मार्गदर्शन तथा सानिध्य में उनके अनेको छात्र – छात्राओं से प्रशासनिक पदों के उच्च पदों में रहकर देश प्रदेश में अपनी सेवाएँ दिए हैं और दादा भरफाम जी को आजीवन अपना आदर्श मानते रहे हैं । यह कि परम श्रध्देय दादा हीरासिंह गरकाम जी ने अपना समस्त जीवन मूलनिवासी समाज जाइन करने उन्हें समतामूलक शोषण विहिन समाज व्यवस्था स्थापना के लिए प्रेरित करते रहे हैं जिसका कि जिस समाज के बारे में यह कहा जाता रहा है कि यह समाज चिंतनशील और अपने हक अधिकारों के लिए स नहीं है वही समाज दादा हीरासिंह मरकाम जी के सानिध्य में आज देश के कोने – कोने हजारों गोंडवाना स्कूल स्थापित कर मूलनिवासी शाला त्यागी निर्धन छात्र – छात्राओं को अध्ययन अध्यापन से जोड़कर शैक्षणिक रूप में दिशा देने का काम चल रहा है जैसा कि विख्यात है कि दादा हीरासिंह मरकाम राजनैतिक व्यक्ति के रूप में कम किन्तु एक सच्चे समाज सुधारक दार्शनिक , सामाजिक , चिंतक के रूप में विख्यात रहे हैं समाज में आज भी उनके बताये सिखाय सिद्धांतों को गोंडवाना समाज अपने विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्कारों में मानता है उन सिद्धांतों का परिपालन करता है । इस तरह से दादा हीरासिंह मरकाम गोंडवाना समाज में पूज्यनीय माने गए है दादा हीरासिंह गरकाम जी ( एम . ए . एल . एल . बी . स्वर्ण पदक ) जी को उनके सामाजिक आंदोलनों और समाज सुधार कार्यों के लिए गोंडवाना रत्न तथा लाईफ टाईग अंचीवमेंट से भारत सरकार ने सम्मानित किया है । छत्तीसगढ़ के जाग पंचायत गुरसियां जिला कोरया में सामाजिक और राजनैतिक अनुयायीयों के द्वारा श्रध्देय दादा मरकाम जी का मूर्ति दिनांक 10 फरवरी 2022 को विधि विधान सामाजिक रुदी एवं परम्परा अनुसार स्थापित किया गया था । जिसे अज्ञात असामाजिक तत्वों के द्वारा दुर्भावनापूर्वक दिनांक 17 फरवरी 2022 को खण्डित कर दिया गया है । चड़ से सर को इस तरह से अलग किया गया है कि उसे देखने मात्र से गोंडवाना समाज में जनआक्रोश अपन सीमाओं को तोड़ सकता है । उपरोक्त घटना एक सोची समझी साजिश के तहत योजनाबद्ध तरीके से कराया गया है । प्रथम सूचना रिपोर्ट के बाद पुलिस प्रशासन का निष्क्रियता रागझ से परे है । उक्त साजिश घटना के बाद गोंडवाना भूभाग के समस्त मूलनिवासी वर्ग बुद्धिजीवी लोगों और दादा मरकाम जी के अनुयायियों में व्यापक रूप से और स्थिति कभी भी विस्फोटक ( बेकाबू आंदोलन ) हो सकती है । उपरोक्त साजिश घटना का गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन पोर निंदा करती है क्योंकि इस घटनाक्रम में दो वर्गों को लड़ाने एवं समाज में अशांति फैलाने के साथ सामाजिक एवं धार्मिक भावनाओं को भड़काने का षड़यंत्र स्पष्ट नजर आ रहा है । अतः महामहिमजी से आग्रह / निवेदन है कि उक्त मामले पर आप पाँचदी अनुसूची क्षेत्र होने के कारण एक संरक्षक के हैसियत से शासन प्रशासन को आवश्यक कार्यवाही हेतु आदेशित करने का कृपण करेंगे तथा भा.द.वि. के द्वारा 295 ( क ) , धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने धारा 153 क . ( धर्म और मूलवंश के विरु अपराध ) धारा 124 क ( राजद्रोह ) , धारा 427 ( लोक सम्पति को क्षति ) , धारा 288 निर्माण गिराने संबंधी के तहत दोषियों पर कार्यवाही कराने का कृपा करें ।