बालोद-जुर्रीपारा के पीछे तांदुला जलाशय के पीछे वाली हिस्से में हिरण ढाई वर्ष जलाशय में पानी पी रहा था इस दौरान कुत्ते की डर से पानी मे कुंद गया और लगभग 2 धंटे तक पानी में तैरते हुए किनारे पहुचा जो ठंड से काफी कांप रहा था लेकिन वन विभाग की आधी अधूरी तैयारी के कारण पकड़ने का प्रयास किया गया किंतु हिरण डरकर जलाशय के गहराई में फिर जा पहुचा। यदि हिरण को जलाशय के पानी से बाहर निकाला गया तो हिरण का ठंड से जान भी जा सकती है।
खबर लिखे जाने तक हिरण जलाशय में ही तैर रहा है।वन विभाग की टीम साढ़े 6 बजे तांदुला जलाशय में मौजूद रहे किंतु सफलता नही मिली है। जानकारी के अनुसार जुर्रीपारा के पीछे तांदुला जलाशय के पितारी गुड़ी से हिरण नर जलाशय में पानी पी रहा था इस दौरान अचानक कुत्ते के भोंकने से डर कर जलाशय के पानी मे कुंद गया जो दो धंटे तक तैरते हुए जलाशय के किनारे पहुच गया और ठंड से काफी कांप रहा था।स्थानीय लोगो ने इसकी जानकारी वन विभाग को दिया गया जिसके आधी धंटे के बाद वन विभाग का अमला आधी अधूरी तैयारी के साथ जलाशय में पहुचा।वन विभाग द्वारा हिरण को पकड़ने के लिए रस्सी और जाली साथ मे लेकर नही लाए थे।जिसके कारण हिरण को पकड़ नही पाए और हिरण जलाशय के गहराई में पहुच गया और हिरण को पकड़ने में वन विभाग नाकाम साबित हो गया।उक्त हिरन को जलाशय के पानी से नही निकाला गया तो ठंड से हिरण की जान जा सकती है।