कोरोना के गभीर मरीजों के लिए बनाए 26वेंटिलेटर कक्ष
कोरोना अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 26 वेंटिलेटर कक्ष भी बनाया गया है और 200 बेड ऑक्सीजन युक्त बनाया गया है। जिले में गुरुवार को कोरोना की तीसरी लहर में जिले में 66 कोरोना मरीज पाए गए। लोगों की सुरक्षा व कोरोना के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन कोरोना की जंग लडऩे पूरी तरह से आधुनिकता के तौर पर तैयार है। यहां जिला अस्पताल के चिकित्सकों व स्टाफ नर्सों के अलावा निजी अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ अपनी 24 घंटे तीन शिफ्ट में सेवा देंगे।
कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू सुविधा
कुछ दिनों से शासन-प्रशासन के निर्देश पर जिला अस्पताल में तैयारी चल रही थी। लगभग एक सप्ताह की तैयारी के बाद अब पूरे जिला अस्पताल को कोविड 19 यानी कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। यह अस्थाई अस्पताल है, लेकिन कोरोना के प्रारंभिक इलाज के लिए बेहतर आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां आईसीयू वार्ड सहित 26 बेड वेंटिलेटर भी बनाया गया है। यही नहीं जब कोरोना के गंभीर मरीज आएंगे तो बेहतर इलाज के लिए यहां से प्राथमिक उपचार कर एम्स भेजा जाएगा।
ओपीडी व जिला अस्पताल जच्चा-बच्चा केंद्र में
जिला अस्पताल को कोविड 19 अस्पताल बनाने के बाद अब जिला अस्पताल को मातृ शिशु केंद्र यानी जच्चा-बच्चा केंद्र में संचालित किया जा रहा है। यहां मरीजों को भर्ती करने के साथ दुर्घटना एवं ओपीडी में इलाज भी यही हो रहा है। यह अस्थाई है, जैसे ही जिले में कोरोना को हरा देंगे। उसके बाद पुन: पहले की तरह ही जिला अस्पताल में इलाज होगा।
जिला अस्पताल बना कोरोना कोविड 19 अस्पताल
जिला अस्पताल में अस्पताल को कोरोना कोविड 19 अस्पताल बनाया गया है।यहाँ 200 बेड को ऑक्सीजन युक्त बनाया गया इसके साथ ही आईसीयू वार्ड सहित 26 वेंटिलेटर वार्ड बनाए गए है।जहाँ पर गभीर कोरोना मरीजों का उपचार किया जाएगा।74 बेड में सभावित कोरोना मरीजों के लिए बनाया गया।
100 बेड कोविड 19 अस्पताल के साथ 137 आइसोलेट बनाया गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी कॉलोनी की बिल्डिंग को 37 बेड का क्वारेंटाइन के अलावा जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन-तीन बेड एवं 15 बेड का निजी अस्पताल में क्वारेंटाइन कक्ष बनाया गया है। कोरोना को लेकर पूरा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है।